अहमदाबाद/इंदौर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के बाद रविवार 22 मार्च को देशभर में लोगों ने जनता कर्फ्यू का स्वेच्छा से पालन किया। साथ ही शाम 5 बजे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ रहे लोगों के सम्मान में तालियां और थालियां भी बजाई गईं। लेकिन, इस दौरान कुछ लोगों ने गैरजिम्मेदाराना हरकतें भी कीं। इनमें अहमदाबाद के साथ इंदौर के लोग भी शामिल थे, जो शाम 5 बजे जुलूस बनाकर सड़कों पर उतर आए।
इस बीच, अहमदाबाद में स्थानीय प्रशासन ने 40 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जो जुलूस बनाकर सड़कों पर उतरे थे। निश्चित ही इस कदम के लिए अहमदाबाद प्रशासन की सराहना की जानी चाहिए क्योंकि इससे लोग सबक लेंगे।
इंदौर का क्या? : दूसरी ओर, इंदौर में भी मिल क्षेत्र के पाटनीपुरा में कुछ लोगों ने जुलूस निकाला था। इस खबर का भी वीडियो वायरल हुआ था, लेकिन इंदौर प्रशासन की ओर से अभी तक इस दिशा में कोई सख्त कदम उठाने की खबर नहीं है। इस खबर के सामने आने के बाद लोगों ने इस तरह के लोगों की काफी आलोचना की थी।
क्या इंदौर प्रशासन का भी दायित्व नहीं बनता कि वह जनता कर्फ्यू के दौरान जश्न मनाने वाले ऐसे चेहरों की पहचान कर उनके खिलाफ अहमदाबाद की तरह एफआईआर दर्ज करे ताकि दूसरे लोगों को भी सबक मिले और वे स्थिति की गंभीरता को समझें।
लंबी लड़ाई की शुरुआत : उल्लेखनीय है कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्वीट कर चिंता जाहिर की थी। मोदी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोरोना वायरस के बंद से जुड़े नियम-कायदों का सख्ती से पालन हो, क्योंकि उन्होंने यह नोट किया कि बहुत से लोग इन उपायों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
मोदी ने अपने ट्वीट में कहा था- आज का #JantaCurfew भले ही रात 9 बजे खत्म हो जाएगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सेलिब्रेशन शुरू कर दें। इसको सफलता न मानें। यह एक लंबी लड़ाई की शुरुआत है। आज देशवासियों ने बता दिया कि हम सक्षम हैं, निर्णय कर लें तो बड़ी से बड़ी चुनौती को एक होकर हरा सकते हैं।