लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सोमवार को देश से लॉकडाउन की पाबंदियों को हटाने में 4 हफ्ते के विलंब का ऐलान कर सकते हैं। इससे पहले इन पाबंदियों को हटाने के लिए 21 जून की तारीख तय की गई थी।
देश में कोरोनावायरस के डेल्टा स्वरूप की चिंता के बीच लॉकडाउन हटाने की अवधि को 19 जुलाई तक टाला जा सकता है। विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की है कि आने वाले हफ्तों में बड़ी संख्या में लोग वायरस के इस स्वरूप से संक्रमित होकर अस्पतालों में भर्ती हो सकते हैं।
ब्रिटेन में रविवार को कोरोनावायरस के 7,490 नए मामले आए थे और 8 लोगों की मौत हुई थी। गत हफ्ते मामलों में उससे 7 दिन पहले के मामलों की तुलना में 49 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक-दूसरे से दूरी बनाने के सभी नियमों को खत्म करने में देरी करने का आग्रह किया है ताकि टीकाकरण का दायरा और बढ़ाया जा सके। साथ में बुजुर्गों को टीके की दूसरी खुराक दी जा सके और युवा आबादी को पहली खुराक लगाई जा सके।
'द डेली टेलीग्राफ' को सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि यह वायरस और टीके के बीच सीधी दौड़ है। इससे पहले जॉनसन ने अपने कैबिनेट मंत्रियों और वैज्ञानिक सलाहकारों के साथ बैठक की थी और ताजे आंकड़ों का आकलन किया था। प्रधानमंत्री लॉकडाउन हटाने में देरी के लिए कोविड की तीसरी लहर को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं और कह सकते हैं कि इससे जुलाई अंत तक लाखों और लोगों का टीकाकरण हो सकता है।
साथ में पाबंदियों को खत्म करने में देरी से वैज्ञानिकों को डेल्टा स्वरूप की निगरानी करने के लिए और समय मिल जाएगा। वायरस का यह स्वरूप सबसे पहले भारत में पहचाना गया था। लॉकडाउन के विस्तार के प्रस्ताव को हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया जाएगा, जहां जॉनसन को अपनी ही कन्जर्वेटिव पार्टी के सांसदों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि वे लॉकडाउन को हटाने की मांग कर रहे हैं। (भाषा)