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Ground Report : कश्मीर में कोई मदद करने को सड़क पर, तो कोई दर्द देने को उतरा

हमें फॉलो करें Ground Report : कश्मीर में कोई मदद करने को सड़क पर, तो कोई दर्द देने को उतरा

सुरेश एस डुग्गर

, गुरुवार, 13 मई 2021 (14:40 IST)
जम्मू। कश्मीर में कोरोना काल में कई कथाएं उबर कर सामने आ रही हैं। कहीं पुलिस फरिश्ता बन कर सामने आ रही है तो कहीं लोगों को बेवजह पीटने के मामले भी सामने आ रहे हैं। कहीं कोई मरीज खुद ऑक्सीजन स्पोर्ट पर होने के बावजूद मरीजों के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम करने में जुटा है तो कहीं कालाबाजारी वाले भी बहती गंगा में हाथ धोने से नहीं चूक रहे।

यह सच है कि कोरोना काल में खाकी के कई रूप देखने को मिले हैं। कहीं पुलिसवालों ने दिहाड़ी कमाने वालों पर कहर बरपाया तो कहीं खाकी के कार्यों की लोगों ने जमकर सराहना की।
 
खाकी की दरियादिली की एक ऐसी ही तस्वीर कश्मीर में देखने को मिली। कोरोना कर्फ्यू के बीच दो जून की रोटी के लिए खिलौने बेचते नजर आए बच्चे से श्रीनगर के एसएसपी संदीप चौधरी ने सारे खिलौने खरीद लिए। खिलौनों की कुल कीमत साढ़े 6000 रुपए बच्चे को देकर एसएसपी ने उसे महामारी से बचने की नसीहत देकर घर लौटा दिया।
 
खाकी वर्दी के इस मानवीय चेहरे ने बच्चे के रोजगार को बचाते हुए कोरोना से रोकथाम की नजीर पेश की। दरअसल, बादशाह चौक पर एसएसपी कोरोना कर्फ्यू को सख्ती से लागू कराने के प्रबंधों का जायजा लेने गए थे। 

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ऐसा ही दरियादिली का किस्सा मंजूर अहमद भी पेश कर रहे हैं। अस्थमा रोगी मंजूर अहमद पिछले पांच साल से ऑक्सीजन स्पोर्ट पर हैं। घर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर रहते हैं और बाहर सिलिंडर साथ लेकर आवाजाही करते हैं। कोरोना काल में ऑक्सीजन संकट के बीच मंजूर इन दिनों जरूरतमंद मरीज तक ऑक्सीजन पहुंचाने से लेकर अन्य सामान की आपूर्ति करते नजर आते हैं। 

ओमपोरा बडगाम के 48 वर्षीय मंजूर अहमद तमाम जोखिम उठाकर जरूरतमंदों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। हालांकि आर्थिक तंगी झेल रहे मंजूर अहमद इस सेवा के लिए जायज दाम लेते हैं। लेकिन कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन की अहमियत को शिद्दत से समझने वाले मंजूर का जज्बा पूरे इलाके में नजीर बन गया है।

मंजूर ने बताया कि पत्नी, तीन बच्चों का भरण पोषण करने के लिए वे 15 वर्षों से लोड कैरियर चला रहे हैं। अस्थमा रोगी होने की वजह से वे पांच साल से ऑक्सीजन स्पोर्ट पर हैं, लेकिन परिवार का खर्च चलाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है।
 
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पर इन सभी दरियादिली की खूबियों का असर उन प्रशासनिक अधिकारियों पर नहीं होता दिख रहा है जो अपने अधिकार से बाहर जाकर मजबूर लोगों को सिर्फ दर्द ही दे रहे हैं।

दरअसल बारामुल्ला में कल कोरोना कर्फ्यू को लागू कराने के उत्साह में एक नौकरशाह अपनी मर्यादा भूल गए। उन्होंने हाथ जोड़ रही एक नहीं, दो-तीन महिलाओं को छड़ी से खदेड़ा। इसी पूरी घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

भारतीय स्टेट बैंक की बारामुल्ला शाखा के कर्मी तो अपने प्रबंधक के साथ हुए दुर्व्यवहार से आहत हो हड़ताल पर जाने की धमकी दे रहे हैं। मंडलायुक्त कश्मीर पीके पोले ने बस इतना ही कहा है कि इस मामलें का संज्ञान लिया गया है। जांच के आधार पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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