मुंबई। महाराष्ट्र में लागू लॉकडाउन का पालन नहीं करने के लिए राजनीतिज्ञों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने बुधवार को कहा कि किसी भी नेता या मंत्री को प्रत्यक्ष तरीके से कार्यक्रम या समारोह का आयोजन नहीं करना चाहिए।
कोविड-19 संबंधी मुद्दों का स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति आरवी घूगे और न्यायमूर्ति बीयू देबदवार की पीठ ने कहा कि किसी भी नेता या मंत्री को प्रत्यक्ष तरीके से समारोह या कार्यक्रम का आयोजन नहीं करना चाहिए। पीठ को एक अधिवक्ता ने सूचित किया कि शिवसेना के नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री संदीपन भुमरे ने ऐसे कार्यक्रमों में शिरकत की जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे थे।
अदालत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने नेताओं से अपील की है कि उन्हें ऐसे कार्यक्रम आयोजित नहीं करने चाहिए लेकिन इसके बावजूद ऐसा हो रहा है और लगता है कि नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। क्या नेता-पुलिस के बीच कोई साठगांठ है? पीठ ने सवाल किया कि कोविड-19 संबंधी मुद्दों पर अदालत द्वारा जारी आदेश और लॉकडाउन की पाबंदी केवल गरीबों के लिए है और क्या नेता कानून से ऊपर हैं।
अदालत ने कहा कि हम इस चरण में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं लेकिन हम इस तथ्य पर आंख नहीं मूद सकते कि ऐसे कार्यक्रम और उपस्थिति को लेकर मंत्री की सहमति थी। कार्यक्रम की तस्वीरों से साफ पता चलता है कि भुमरे ने मास्क उन्हें ठीक से नहीं लगाया था। अदालत ने कहा कि वह 13 मई को मामले पर आगे सुनवाई करेगी। (भाषा)