नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा को मंगलवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि कोविड-19 महामारी की वजह से अब तक 162 डॉक्टरों, 107 नर्सों और 44 आशा कर्मियों की जान जा चुकी है।
चौबे से पूछा गया कि क्या मंत्रालय ने कोविड-19 की वजह से जान गंवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के बारे में भारतीय चिकित्सा संघ द्वारा दिए गए आंकड़ों पर संज्ञान लिया है और क्या इनके सत्यापन के लिए कोई प्रयास किए गए हैं। इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (PMGKP : बीमा योजना) के तहत बीमा राहत राशि के वितरण की प्रक्रिया विकेन्द्रीकृत कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 से प्रभावित और जान गंवाने वाले व्यक्ति के सत्यापन की जिम्मेदारी राज्य सरकार या केंद्र सरकार के संबद्ध प्राधिकारियों की है।
मंत्री ने बताया कि दावे के लिए आवश्यक प्रमाणन वह स्वास्थ्य संस्थान या संस्थान या कार्यालय करता है जहां पीड़ित काम करता था। इसके बाद संबद्ध प्राधिकारी उसे आगे बढ़ाते हैं और दावे को बीमा कंपनी के समक्ष पेश करते हैं। (भाषा)