नई दिल्ली। ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका और इटली में कोरोनावायरस (Coronavirus) के नए स्ट्रेन (strain) के आने के बाद दुनियाभर हड़कंप मचा हुआ है। इसे लेकर भारत में भी अलर्ट है। भारत ने ब्रिटेन की उड़ानों पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी है। योरप के कई देशों ने फिर लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाए गए हैं।
प्रेस कॉन्फेंस में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कोरोनावायरस को लेकर बहुत सारे देशों में परेशानी बढ़ रही है। यूरोप में मामलों में बढ़ोतरी हुई है और बहुत सारे देशों ने अपने यहां लॉकडाउन लगाया है। इस तरह से हम अपने आपको बहुत अच्छी स्थिति में पाते हैं।
इस म्यूटेशन से बीमारी गंभीर नहीं हुई है और इसका मृत्यु दर पर असर नहीं हुआ है। पॉल ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम में COVID19 के नए प्रकार में तेजी से फैलने की क्षमता देखी गई है। यह म्यूटेशन बीमारी की गंभीरता को प्रभावित नहीं कर रहा है। न ही इससे होने वाली मौतों के आंकड़ों में कोई नया तथ्य देखने को मिला है।
यूके में वायरस के नए रूप पर पॉल ने कहा कि इस म्यूटेशन से वायरस के एक से दूसरे व्यक्ति में जाने की ट्रांसमिसिबिलिटी बढ़ गई है, ऐसा भी कहा जाता है कि ट्रांसमिसिबिलिटी 70% बढ़ गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि करीब 163 दिनों बाद देश में सक्रिय मामलों की संख्या 3 लाख से भी कम हो गई है। ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और ये हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स की वजह से हो पाया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर तीन लाख से कम हो गई है जो 163 दिनों में सबसे कम है और यह कुल संक्रमितों का महज 2.90 प्रतिशत है।
मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 का इलाज करा रहे संक्रमितों की संख्या 2,92,518 है. इससे पहले 12 जुलाई को उपचाराधीन मरीजों की संख्या तीन लाख से कम थी। तब यह आंकड़ा 2,92,258 था। भूषण ने कहा कि पिछले 7 हफ्तों में औसतन रोज के नए मामलों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि भारत में रिकवरी रेट 95% से अधिक है।