कोरोना लौट आया है, लॉकडाउन की चर्चा चल रही थी, लेकिन राज्य प्रशासन ने नाइट कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। इंदौर और भोपाल में रात 10 बजे से नाइट कर्फ्यू रहेगा। एक सवाल सभी के मन में होता है कि रात में तो वैसे ही सबकुछ बंद हो जाता है, अंधेरा हो जाता है, लोग रात 8 बजे खाना खाकर अपने घरों में टीवी देखते हुए सो जाते हैं, दुकानें बंद हो जाती हैं, सड़कें सुनसान हो जाती हैं। तो फिर ये नाइट कर्फ्यू किस के लिए और क्यों लगाया जाता है, आखिर इसकी क्या जरुरत है। और एक सवाल यह भी है कि क्या कोरोना संक्रमण सिर्फ रात में फैलता है, दिन में जो बाजार गुलजार रहेंगे, जो भीड़ लगेगी, जो लोगों का हुजूम लगेगा उसका क्या।
फिर ये नाइट कर्फ्यू आखिर है क्या। आइए समझते हैं इसके फायदे और नुकसान।
सर्राफा
इंदौर की बात करें तो यहां का सबसे पॉपुलर सराफा बाजार रात करीब 12 या 12.30 तक चालू रहता है। यह फूड मार्केट पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां बड़ी संख्या में लोग खाने पीने और मौज मस्ती के लिए पहुंचते हैं।
छप्पन दुकान
इंदौर की छप्पन दुकान फूड मार्केट यंगस्टर्स की हार्ट लाइन है। कोई ऐसा नहीं जो यहां शाम गुजारना नहीं चाहेगा। आउटिंग हो, डेट या फिर खाना पीना। सबकुछ छप्पन पर। यह भी रात 11 तक खुला रहता है, लेकिन शनिवार रविवार को 12 तक भी चलता है।
सरवटे
इंदौर का सबसे बड़ा बस स्टैंड सरवटे रात 2 बजे तक खुला रहता है, यहां देर रात तक स्टेट और इंटरस्टेस से बसें आती हैं, यहां से करीब 585 बसों का संचालन होता है। यह बस स्टैंड मध्यप्रदेश के अलावा तीन दूसरे राज्यों को कनेक्ट करता है। हजारों यात्री उतरते हैं। इस कारण यहां सैंकडों होटल्स और रेस्टोरेंट हैं। जहां यात्री खाना खाते और ठहरते हैं।
आनंद बाजार
तीसरे नंबर पर इंदौर का आनंद बाजार आता है। जहां खाने-पीने की संचालित हो रही दुकानों पर भीड़ जमा होती है। यहां कई चाट चौपाटियां और रेस्टोरेंट हैं।
शराब दुकानें, बार और क्लब्स
इंदौर की शराब दुकानें और बार रात 11 बजे बंद हो जाते हैं। नाइट कल्चर की वजह से यहां सैंकड़ों पब्स और क्लब्स हैं, जो कहने को तो रात 11 तक संचालित होते हैं, लेकिन यह देर रात तक चलते रहते हैं।
मेडिकल और इमरजेंसी
इसके अलावा मेडिकल, अस्पताल और इमरजेंसी सेवाएं होती हैं, जो अपनी सुविधा अनुसार शहर में चलती हैं।
कैसे काम करेगा नाइट कर्फ्यू?
प्रशासन ने रात 10 बजे कर्फ्यू लगाने के निर्देश जारी किए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि नाइट कर्फ्यू कैसे काम करेगा। रात 11 तक ज्यादातर बाजार बंद हो ही जाते हैं तो एक घंटे पहले यानि रात 10 बजे कर्फ्यू का क्या औचित्य है। दरअसल, इंदौर के छप्पन दुकान से लेकर सराफा और आनंद बाजार समेत कई चौपाटियों पर रात में जमकर भीड़ होती है। इस कर्फ्यू से यह भीड़ नहीं होगी। बार और शराब दुकानें बंद हो जाने पर यहां भी भीड़ की गुंजाइश नहीं रहेगी। हालांकि नाइट क्लब्स के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि यह रसूखदारी की वजह से देर रात तक चलते हैं,क्योंकि पिछले लॉकडाउन में भी इनके बारे में ऐसी खबरें आती रही हैं। हालांकि फिर भी रात में घूमने वालों और टहलने वालों पर लगाम लगेगी। देर रात की पार्टियां और शादियां नहीं होने से फायदा ही होगा।
कहां जाएंगे सराफे वाले?
खासतौर से सराफा में ज्वेलरी दुकानें बंद होने के बाद रात करीब 9 बजे से खाने पीने की दुकानें लगने लगती हैं, जो अब महज एक घंटे के लिए तो नहीं ही लगेगी। ऐसे में इन छोटे दुकानदारों का नुकसान होगा, क्योंकि ये रात में 9 बजे दुकानें लगाते हैं और 10 बजे कर्फ्यू लागू हो जाएगा, तो ये लोग तो दुकानें लगा ही नहीं पाएंगे, क्योंकि यहां दिनभर सराफा बाजार चलता है।
बाहरी यात्रियों का क्या होगा?
नौलखा और सरवटे बस स्टैंड पर बस और ट्रेन से बाहर से आने वाले यात्रियों को परेशानी होगी, क्योंकि बाहरी यात्री इन्हीं होटलों में ठहरते हैं और खाना खाते हैं। रात 10 बजे तक आने वाले ये लोग कहां खाना खाएंगे, कहां ठहरेंगे और कैसे ट्रांस्पोर्टेशन लेंगे।
सबसे बड़ा सवाल!
प्रशासन ने रात में कर्फ्यू लगाने का निर्णय इसलिए लिया है कि बाजारों में भीड़ न हो तो ऐसे में सवाल है कि दिनभर जो होगा क्या उस भीड़ से संक्रमण नहीं होगा। क्या कोरोना का वायरस सिर्फ रात में काम करता है और दिन में आराम करेगा। अगर दिन में खुला रखा जाता है तो संक्रमण की जो श्रृंखला बन रही है वो तो जारी रहेगी। ऐसे सिर्फ नाइट कर्फ्यू कितना कारगर होगा। लगाना ही है तो पूरे दिन और रात में कर्फ्यू या लॉकडाउन क्यों नहीं, हालांकि इसका जवाब किसी के पास नहीं है।