जयपुर। राजस्थान सरकार ने पड़ोसी राज्यों से लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम मंगलवार को वापस ले लिए। सरकार का कहना है कि राज्य में कोरोना वायरस के नए मामलों के स्थिर होने के बाद यह फैसला किया गया है।
अब किसी व्यक्ति को राज्य में प्रवेश करने या राजस्थान से बाहर जाने के लिए किसी तरह के पास या अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की जरूरत नहीं होगी।
राज्य के गृह विभाग ने इस बारे में आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि राज्य में कोरोना वायरस के नए मामलों के स्थिर होने, मरीजों के ठीक होने की दर देश में बेहतरीन होने तथा लोगों को हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
सरकार ने इस बारे में 10 जून को जारी आदेश तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है। विभाग ने कहा है, 'लोगों के राजस्थान में आने व बाहर जाने पर लगाई गई शर्तों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन में ढील के बाद कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में उछाल से चिंतित राजस्थान सरकार ने 10 जून को पड़ोसी राज्यों के साथ अपनी सीमाओं पर आवागमन नियंत्रित कर दिया। इसके तहत सीमा चौकियों पर आने व जाने वालों के लिए पहचान पत्र सहित अन्य दस्तावेजों की जांच तथा स्क्रीनिंग जरूरी कर दी गई।
राज्य की सीमाएं हरियाणा, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश से लगती हैं। हालांकि राज्य की सीमाओं पर लोगों की स्क्रीनिंग के लिए स्थापित चैकपोस्ट पहले की तरह काम करती रहेंगी।
कोरोना 235 नए मामले : राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण से मंगलवार को सात और लोगों की मौत हो गयी। इससे राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 308 हो गई है। साथ ही 235 नए मामले सामने आने से राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 13,216 हो गयी। इनमें से 2946 मरीजों का इलाज चल रहा है। (भाषा)