कई लोगों के मन में सवाल है कि उन्हें एक बार कोरोना हो चुका है तो शायद अब ओमिक्रॉन का संक्रमण नहीं होगा। इस तरह के और भी कई सवाल लोगों के जेहन में हैं, दूसरी तरफ ओमिक्रॉन का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर अपनी राय जाहिर की है।
WHO का कहना है कि कोरोना रिकवरी के बाद भी ओमिक्रॉन से दोबारा इन्फेक्शन होने का खतरा होता है। ये वैरिएंट हमारे इम्यून सिस्टम को बहुत आसानी से चकमा दे सकता है। अगर आपको पिछले दो सालों में कोरोना हुआ है, तो भी आपके ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की पूरी संभावना है।
WHO के अनुसार, जिन लोगों को पहले कोरोना हो चुका है, उन्हें डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन होने का खतरा 4-5 गुना ज्यादा है। इसका कारण- मरीजों का इम्यून सिस्टम ओमिक्रॉन की तुलना में डेल्टा वैरिएंट को जल्दी पहचान लेता है। ओमिक्रॉन में कुछ ऐसे म्यूटेशन्स मौजूद हैं, जिनके चलते इम्यून सिस्टम इसे आसानी से नहीं पकड़ पाता।
WHO यूरोप के रीजनल डायरेक्टर हैंस हेनरी पी क्लुगे के मुताबिक ओमिक्रॉन किसी भी इंसान को अपनी चपेट में ले सकता है। इनमें बच्चे, बूढ़े, जवान, कोरोना से रिकवर हुए, वैक्सीनेटेड और अनवैक्सीनेटेड लोग शामिल हैं।