सावधान! सोशल डिस्टेंसिंग के बिना अकेले मास्क कोरोनावायरस से नहीं बचा सकता

Webdunia
बुधवार, 23 दिसंबर 2020 (13:28 IST)
वाशिंगटन। कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए केवल मास्क पहनना ही काफी नहीं है बल्कि इसके लिए यह भी जरूरी है कि सामाजिक दूरी का अनुपालन किया जाए। यह दावा एक नवीनतम अध्ययन में किया गया है।
 
जर्नल फिजिक्स ऑफ फ्लूइड में प्रकाशित अनुसंधान पत्र के मुताबिक वैज्ञानिकों ने कोविड-19 से बचने के लिए पांच तरह के पदार्थों से बने मास्क और खांसने व छींकने के दौरान सार्स-कोव-2 युक्त जल बूंदों के प्रसार पर उनके असर का अध्ययन किया।
 
अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि विभिन्न प्रकार के मास्क नाटकीय तरीके से वायरस युक्त जल की बंदूों को फैलने से रोकने हैं। हालांकि, इसके बावजूद संक्रमण फैलाने वाले वायरस से युक्त जल की कुछ बूंदें होती हैं जो अगर छह फीट की दूरी नहीं रखी जाए तो इस वस्तुओं को पार कर दूसरे व्यक्ति को बीमार कर सकती है।
 
अमेरिका स्थित न्यू मैक्सिको स्टेट यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर कृष्णा कोटा ने कहा कि मास्क निश्चित तौर पर मदद करते हैं लेकिन जब लोग एक दूसरे के बहुत करीब रहते हैं तो उनके मास्क पहनने के बावजूद संक्रमण के फैलने या उसके चपेट में आने का खतरा है। उन्होंने कहा कि केवल मास्क ही नहीं मदद करता बल्कि मास्क और सामाजिक दूरी दोनों महत्वपूर्ण है।
 
इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने एयर जेनरेटर का इस्तेमाल कर मशीन बनाई जो इंसान की खांसी और छींक की नकल कर सकती थी।
 
उन्होंने बताया कि इस जनरेटर का इस्तेमाल एक कैमरे युक्त बंद चौकोर ट्यूब से लेजर सीट द्वारा सूक्ष्म कण को हवा में छोड़ने के लिए किया गया जैसा कि खांसी या छींकने के दौरान होता है।
 
अनुसंधानकर्ताओं ने इन कणों को पांच तरह की वस्तुओं से बने मास्क- सामान्य कपड़े, दो परत वाले कपड़े के मास्क, गीले दो परत वाले नियमित कपड़े, सर्जिकल मास्क और चिकित्सा में इस्तेमाल एन-95- से रोकने की कोशिश की।
 
उन्होंने बताया कि सभी प्रकार के मास्क बड़ी मात्रा में इन बूंदों को रोकने में कामयाब हुए लेकिन सामान्य कपड़े से बने मास्क से 3.6 प्रतिशत बूंदें पार गई जबकि एन-95 मास्क करीब 100 प्रतिशत बूंदों को रोकने में कामयाब हुए।
 
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि छह फीट से कम दूरी होने पर कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति द्वारा कई बार खांसने या छींकने से कम मात्रा में बूंदों के संपर्क में आने से भी व्यक्ति बीमार पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि संक्रमित व्यक्ति द्वारा एक बार छींकने से 20 करोड़ तक वायरस के कण बाहर निकलते हैं।
 
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि मास्क से इन कणों का अधिकतर हिस्सा रोका जा सकता है लेकिन इसके बावजूद कुछ कण होते हैं जो मास्क को पार कर सकते हैं और वे दूसरे व्यक्ति को बीमार करने के लिए पर्याप्त हैं। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

महाराष्‍ट्र की राजनीति में नई दुकान... प्रोप्रायटर्स हैं ठाकरे ब्रदर्स, हमारे यहां मराठी पर राजनीति की जाती है

उत्तराधिकारी की घोषणा टली, 90 साल के दलाई लामा बोले, मैं 30-40 साल और जीवित रहूंगा

20 साल बाद उद्धव-राज साथ, किसे नफा, किसे नुकसान, क्या महाराष्ट्र की राजनीति में लौट पाएगी 'ठाकरे' की धाक

तेजी से बढ़ता स्‍मार्ट और सबसे स्‍वच्‍छ इंदौर आखिर सड़क पर हुए भ्रष्‍टाचार के गड्ढों में क्‍यों गिर रहा है?

अमेरिका के खिलाफ भारत ने लिया बड़ा एक्शन, WTO में जवाबी टैरिफ का रखा प्रस्ताव

सभी देखें

नवीनतम

चीन में बड़े बदलाव की आहट, क्या शी जिनपिंग 12 साल बाद छोड़ने जा रहे सत्ता? ताकत का बंटवारा क्यों कर रहा ड्रैगन का राजा

F-35 जेट की मरम्मत के लिए ब्रिटेन की इंजीनियरिंग टीम केरल पहुंची

कार्बेट नेशनल पार्क में सीएम धामी ने किया जंगल सफारी, 'एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत 1000 से अधिक पौधारोपण

जिम ट्रेनर ने की छात्रा से छेड़छाड़, पीड़िता ने बताई आपबीती, आरोपी गिरफ्तार

झांसी रेलवे स्टेशन पर दर्द से कराह रही थी महिला, सेना के डॉक्टर ने कराई डिलिवरी

अगला लेख