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लॉकडाउन डिप्रेशन नहीं, कोरोना के साथ जीना सीखने का समय

कोरोना आपदा को अवसर में बदलने का समय : पंकज चतुर्वेदी

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विकास सिंह

, गुरुवार, 7 मई 2020 (14:26 IST)
भोपाल। कोरोना महामारी और उसके बाद हुए लॉकडाउन के लंबा चलने के वजह से अब लोगों में तेजी से डिप्रेशन के मामले बढ़ने लगे है। लॉकडाउन के चलते जो लोग लंबे समय से घरों में रह रहे हैं वह अब मानसिक तनाव से गुजरने लगे है, लोगों को अब अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। ऐसे में अब मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ) पर अधिक फोकस करने की बात होने लगी है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब लोगों से जीवन पद्धति में बदलाव की बात करने लगे है। वह कहते हैं कि अब हमको कोरोना के साथ जीना सीखना होगा, हमें अपने जीवन जीने के तरीके में बदलाव लाना होगा। 
 
कोरोना काल में डिप्रेशन से दूर रहने के लिए किस तरह हमें अपने जीवन पद्धति में बदलाव करना होगा इसको लेकर वेबदुनिया ने मोटिवेशनल स्पीकर पंकज चतुर्वेदी से खास बातचीत की। वेबदुनिया से बातचीत में वह कहते हैं कि आज हम सब एक ऐसी संक्रामक बीमारी से लड़ रहे है जो वास्तव में एक आपदा ही है और इस आपदा से मुकाबला करने के लिए हमको खुद स्वप्रबंधन करना होगा जिसमें मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार के प्रबंध अनिवार्य और आवश्यक रूप से लागू करने होंगे। 
 
वह कहते हैं कि आज लोग कोरोना के चलते मानसिक तनाव से गुजर रहे है, लोगों में एक अनचाहा डर बैठ गया है। पिछले दिनों देखा गया है कि कोरोना के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने सुसाइड जैसे घातक कदम उठाए, इसके लिए वह कोरोना से जुड़ी हुई गलत और भ्रामक जानकारी के साथ लोगों का मानसिक रूप से कोरोना की जानकारी में डूब जाना मानते है। 
 
वह इस स्थिति को खतरनाक बताते हुए कहते हैं कि सबसे जरूरी यह है कि हमको जानकारी केवल उतनी मात्रा में रखनी चाहिए जितनी आपकी सुरक्षा के लिए आवश्यक है। वह इसे मानसिक प्रबंधन बताते हुए कहते हैं कि अनावश्यक जानकारी का भंडार स्वयं में करके हम एक तरह से अपने उपर एक बंधन निर्मित कर लेते है जिससे हमें बचना जरूरी है। 
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कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते लोगों के डिप्रेशन के बढ़ते हुए केस पर पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि यह समय किसी दबाव में रहने का ना होकर अपनी प्राथमिकताओं को फिर से तय करने का है। वह कहते हैं कि तमाम रिपोर्ट और रिसर्च बता रहे हैं कि कोरोना संक्रमण का दौर लंबे समय तक चलने वाला है ऐसे में तब जरूरी हो गया है कि हम अपने को भी बदलें। 
 
वह कहते हैं कि आज जरूरी है कि कोरोना आपदा के चलते हुए लॉकडाउन में मिले समय को अवसर में बदले। वह कहते हैं कि आम तौर पर हम आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने लिए समय नहीं निकल पाते है तब ऐसे में हमको मिले इस बहूमूल्य समय को अपने बदलने में लगाना चाहिए।   
 
लॉकडाउन के चलते लोगों में आ रहे नकारात्मक विचारों को लेकर मोटिवेशनल स्पीकर पंकज चुर्तेवेदी कहते हैं कि ऐसे समय में हमको आंतरिक बल यानि आत्मबल बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। वह कहते हैं कि हमें अपने विचारों को सकारात्मक रखने की जरूरत है। वह कहते हैं कि हम जैसा सोचते है कि उसी के अनुसार हमारे शरीर में हार्मोन्स का निर्माण होता है। वह कहते हैं कि ऐसे समय में हमको मानसिक रूप में मजबूत करने की जरूरत है। 
 
लॉकडाउन के चलते युवा पीढ़ी में आ रही नकारात्मकता पर मोटिनवेशनल स्पीकर पंकज  कहते हैं कि युवा पीढ़ी को अपना अधिक से अधिक समय परिवार के बड़े बुजुर्गो के साथ बितना चाहिए, जिससे कि वह अपने मूल्यों को फिर से पहचाने। वह कहते हैं कि जीवन में जो भी चुनौती आती है वह अपना समाधान भी लेकर आती है और कोरोना की चुनौती भी समय को अवसर में बदलने का समाधान लेकर आई है। 

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