लंदन। दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने सोमवार को कहा कि ब्रिटेन और ब्राजील में उसके कोविड-19 टीके के क्लीनिकल परीक्षण का अंतरिम विश्लेषण दर्शाता है कि यह औसतन 70 फीसद प्रभावी है। इस तरह यह अपने टीके के परीक्षण नतीजे को सामने रखने और इस जानलेवा वायरस पर अंकुश पाने की आस जगाने वाली एक और कंपनी बन गई है।
एस्ट्राजेनेका कंपनी ने एक बयान में बताया कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किए गए कोविड-19 के टीके की पहली खुराक व्यवस्था में 90 फीसद असर नजर आया। इसे आधी खुराक और एक महीने बाद पूरी खुराक के तौर दी गई थी। दूसरी खुराक व्यवस्था में इसका असर 62 फीसद रहा। इसमें भी दो पूर्ण खुराक एक महीने के अंतराल पर दी गई। उसने कहा, दोनों खुराक व्यवस्थाओं के संयुक्त विश्लेषण से (टीके का) प्रभाव 70.4 प्रतिशत देखा गया।
इस दवा कंपनी ने कहा कि एक स्वतंत्र डाटा सेफ्टी मोनिटरिंग बोर्ड ने तय किया कि यह विश्लेषण उसके प्राथमिक लक्ष्य को पूरा करता है और दर्शाता है कि टीके की दो खुराक लेने पर 14 या उससे अधिक दिनों के बाद कोविड-19 से सुरक्षा प्रदान करता है। उसने कहा कि इस टीके से संबंधित कोई सुरक्षा चिंता सामने नही आई तथा एजेडडी 1222 नामक इस दवा से दोनों ही खुराक व्यवस्था में कोई मुश्किल पैदा नहीं हुई।
बयान के अनुसार कंपनी दुनियाभर में उन प्रशासनों के समक्ष नियामकीय आवेदन देने की तत्काल तैयारी करेगी जिनके पास सशर्त या शीघ्र मंजूरी देने की नियायमकी व्यवस्था है। बयान के मुताबिक एस्ट्राजेनेका निम्न आय वाले देशों में टीके की शीघ्र और सुगम उपलब्धता विश्व स्वास्थ्य संगठन से आपात उपयोग सूचीबद्धता का अनुरोध करेगी।
ऑक्सफोर्ड टीका समूह के निदेशक और परीक्षण के मुख्य अध्ययनकर्ता प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, ये निष्कर्ष दिखाते हैं कि हमारे पास एक प्रभावी टीका है जो कई लोगों की जान बचाएगा। उत्साह की बात है कि टीके की पहली खुराक व्यवस्था 90 प्रतिशत तक प्रभावी हो सकती है और इसका इस्तेमाल किया गया तो योजनाबद्ध आपूर्ति के साथ अधिक से अधिक लोगों को टीका दिया जा सकता है।
इस टीके का इजाद ऑक्स्फोर्ड विश्श्वविद्यालय और उससे संबद्ध कंपनी वैक्सीटेक ने किया है। एस्ट्राजेनिका कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पास्कल सोरिएट ने कहा, आज इस महामारी के विरूद्ध हमारी लड़ाई में यह मील का पत्थर है। इस टीके की प्रभावकारिता और सुरक्षा इसकी पुष्टि करती है कि यह कोविड-19 के खिलाफ बड़ा प्रभावकारी होगा और इसका जनस्वास्थ्य आपात स्थिति पर तत्काल असर होगा।
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में टीकाविज्ञान की प्रोफेसर साराह गिलबर्ट ने कहा, आज की घोषणा हमें ऐसे वक्त के और करीब ले जाती है जब हम कोविड-19 से होने वाली तबाही को समाप्त करने के लिए टीकों का उपयोग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, हम नियामकों को विस्तृत जानकारी देते रहेंगे। इस बहुराष्ट्रीय प्रयासों का हिस्सा रहना सम्मान की बात है जिससे पूरी दुनिया को फायदा होगा। विश्वविद्यालय के अनुसार ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में विभिन्न जातीय और भौगोलिक समूहों के 24,000 से अधिक प्रतिभागियों पर अध्ययन चल रहा है।
इसके अलावा भारत, अमेरिका, केन्या और जापान में भी आगे के परीक्षण चल रहे हैं और इस साल के अंत तक परीक्षण में कुल 60,000 प्रतिभागियों को शामिल किया जा सकता है।
इस बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, यह बहुत ही उत्साहजनक खबर है कि ऑक्सफोर्ड टीका परीक्षणों में इतना कारगर साबित हुआ है। आगे भी और सुरक्षा संबंधित परीक्षण जारी है लेकिन ये बहुत ही शानदार नतीजा है।