मेरठ मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर से लापरवाही का वीडियो सामने आया है। वायरल हो रहा यह वीडियो कोविड सैंपल कलेक्शन सेंटर का है, जहां मरीज और उसके परिजन खड़े हैं। वे खुद ही कोविड जांच के लिए सैंपल लेते हैं और केबिन की डेस्क पर रखकर चले देते हैं।
यह वायरल वीडियो मेरठ मेडिकल कॉलेज का है, जिसमें साफतौर पर देखा जा सकता है कोविड सैंपल क्लेक्शन सेंटर का हाल। सरकार भरसक कोशिश कर रही है कि जल्दी से कोरोना का खात्मा हो, वह कोरोना टेस्टिंग के प्रति गंभीर है। लेकिन सरकार के इन प्रयासों पर उत्तर प्रदेश के कुछ स्वास्थ्यकर्मी पलीता लगा रहे हैं। इस लापरवाही पर जब संबंधित अधिकारी से बात कि तो उसने मामले पर लीपापोती करने की कोशिश की।
डॉक्टर वीपी सिंह फ्लू ओपीडी इंचार्ज का कहना है कि कोविड सैंपल देने में कुछ महिलाएं और लड़कियां पुरुषों को लेकर ऐतराज़ करती हैं। इसीलिए उनके परिजन सैंपल लेकर दे देते हैं। लेकिन यह लापरवाही मरीज के परिजनों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। सरकार ने कोविड सैंपल को लेने के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है। लेकिन बिना प्रोटोकॉल के इस तरह कोविड सैंपल लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
सरकार द्वारा दी गई कोविड गाइड लाइन के मुताबिक सैंपल लेने के तुरंत बाद उसको पन्नी में सील पैक करते है, जिससे जांच के सही परिणाम मिल सकें। लगता है मेरठ मेडिकल कॉलेज ने इन सब नियमों को ताक पर रख दिया है, जिसके चलते मरीज के साथ आया शख्स सैंपल को क्लेक्शन सेंटर के केबिन पर रखकर चला जाता है। ऐसे में कैसे उम्मीद की जा सकती है कि कोविड सैंपल सही तरीके से लिए गया है, उसका रिजल्ट 100% सही आएगा।
मेडिकल कॉलेज के आला अफसर इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं। कोरोना की पहली लहर में भी कोविड सैंपल के प्रति डॉक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई थी, जब टेक्नीशियन से बंदर कोविड सैंपल और सिरिंज लेकर पेड़ पर चढ़ गए और मुंह से चबा डाला। अगर इस तरह लापरवाही सरकारी अस्पताल और विभाग बार-बार करेगा तो ऐसे में हेल्थ सिस्टम राम भरोसे ही है।