भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर मध्यप्रदेश में अपना कहर मचा रही है। कोरोनावायरस के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कई जिलों में कोरोना कर्फ्यू लगा दिया गया है। सरकार और प्रशासन लोगों से घरों में रहने की अपील कर रहा है। कोरोना कर्फ्यू का सही ढंग से पालन करवाने की जिम्मेदारी एक बार फिर खाकी के कंधों पर है।
हर संकट में सबसे आगे खड़े दिखाई देने वाले पुलिसकर्मी अपने सभी दुख और दर्द को किस तरह छिपाकर पूरे जज्बे के साथ अपनी ड्यूटी मुस्तैदी के कर रहे है इसकी एक बानगी है राजधानी भोपाल के कोलार थाने के टीआई चंद्रकांत पटेल।
दरअसल कोलार इलाका सबसे अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या के साथ राजधानी भोपाल का हॉटस्पॉट बना हुआ है। कोलार में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश में सबसे पहले लॉकडाउन लगाया गया था। ऐसे में टीआई चंद्रकांत पटेल के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई। वेबदुनिया से बातचीत में चंद्रकात पटेल कहते है कि कोलार में लॉकडाउन लगने के साथ ही उनका चार साल का बेटा और पत्नी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई है। ऐसे में फर्ज और ड्यूटी को पूरा करने के लिए उन्होंने पत्नी और बेटे को इलाज के लिए हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया, जहां वह अब ठीक है।
वेबदुनिया से बातचीत करते हुए चंद्रकांत पटेल चार साल के बेटे रूद् का जिक्र करते हुए थोड़ा भावुक हो जाते है। वह कहते हैं कि ऐसे वक्त जब हालात ज्यादा चुनौतपूर्ण है तब हम अपने घरों में नहीं बैठ सकते। किसी न किसी को तो आगे आकर जिम्मेदारी उठानी ही पड़ेगी। लोगों को सुरक्षित करने के लिए ही आज पुलिस सड़कों पर डटी हुई है।
'वेबदुनिया' के जरिए टीआई चंद्रकांत पटेल लोगों से अपील करते है कि सभी को कोरोना महामारी के संक्रमण के खतरे को समझना चाहिए और जब तक अतिआवश्यक न हो घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। वह इस बार हालात को पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा चुनौतीपूर्ण बताते है।
वेबदुनिया टीआई चंद्रकांत पटेल के जज्बे को सलाम करते हुए लोगों से अपील करता है कि आप भी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अपने घरों में ही रहे और जरुरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले। कोरोना संक्रमण को रोकना हम सब की जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी का पूरा का एक जिम्मेदार नागरिक होना कर्तव्य निभाए।