बाड़मेर। राजस्थान में सरहदी जिले बाडमेर जिले के लेब टेक्नीशियन प्रेमसिंह निर्मोही मे कोरोना संक्रमण के दौरान जन सेवा का जो जज़्बा और हौसला दिखाया बहुत कम लोगों में होता है।
राजकीय अस्पताल बाड़मेर में लेब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत सिंह प्रतिदिन 425 किलोमीटर का सफर तय करते हैं। जिले में कोरोना के संदिग्धों की जांच के नमूनों की पेकिंग करने के बाद जोधपुर के लिए रवाना होते हैं। वह सैंपल मेडिकल कॉलेज में जमा करवाने के बाद अगले दिन की जांच रिपोर्ट लेकर देर रात पुनः बाड़मेर रवाना होते हैं।
अगले दिन सुबह स्नान आदि कर फिर नमूने लेकर जोधपुर रवाना होते हैं। प्रेम सिंह खुद हार्ट के मरीज हैं। दो साल पहले ही उनका बाईपास हुआ था। इससे उनकी कर्तव्य परायणता में कोई फर्क नहीं पड़ा। मृदुभाषी और कुशल व्यावहारिक प्रेम सिंह इस संकटकाल में अपने परिवार से एक ही शहर में दूर रहकर अपना सेवा धर्म निभा रहे हैं।
पैंतालीस वर्षीय सिंह ने बताया कि देश विपत्तिकाल से गुजर रहा है। ऐसे समय में अपनी योग्यतानुसार सेवा मेरा पहला फर्ज है। संदिग्धों की जांच के नमूने ले जाने में रिस्क है, मगर इस रिस्क को अनदेखा कर सावधानीपूर्वक अपने कार्य को अंजाम देते हैं।
सिंह की अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा और लगन इससे साबित होती है कि उन्होंने अपने सेवाकाल में पदभार ग्रहण करने से लेकर अब तक एक भी आकस्मिक अवकाश नहीं लिया है। (वार्ता)