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Rectal Bleeding: कोरोना का नया लक्षण, मलाशय में रक्तस्राव हुआ, एक की मौत

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, मंगलवार, 29 जून 2021 (17:48 IST)
नई दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान एक निजी अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस संक्रमण के पांच मरीजों को मलाशय में साइटोमेगालो वायरस की वजह से रक्तस्राव हुआ और अस्पताल के अधिकारियों ने मंगलवार को दावा किया कि यह मामला उन लोगों में पहली बार सामने आया है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य थी।

सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि कोविड-19 का पता चलने के बाद इन मरीजों में यह समस्या औसतन 20-30 दिन तक रही। अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया कि मलाशय में सीएमवी संबंधी रक्तस्राव अब तक सामान्य रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले उन मरीजों को प्रभावित करता था, जिनका कोई अंग प्रतिरोपण हुआ हो, या वे कैंसर और एड्स से पीड़ित हों। मगर भारत में यह पहली बार हुआ है कि कोविड से संक्रमित सामान्य रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को मलाशय में साइटोमेगालो वायरस की वजह से रक्तस्राव हुआ है।

अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी एवं पैंक्रिएटोबाइलेरी साइंसेज के अध्यक्ष प्रो अनिल अरोड़ा के मुताबिक, अप्रैल-मई में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 से संक्रमित, सामान्य रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों में सीएमवी संक्रमण के पांच मामले देखने को मिले। उन्होंने कहा कि इन मरीजों के पेट में दर्द था और शौच के दौरान रक्त आ रहा था। उन्होंने कहा कि इन मरीजों को इसके अलावा कोई और बीमारी नहीं थी जिस वजह से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती।

अस्पताल ने एक बयान में कहा कि कोविड संक्रमण और इसके उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं (जैसे स्टीरॉयड) मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करती हैं और उन्हें असामान्य संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील बना देती हैं।

बयान के मुताबिक, सीएमवी साइटोमेगालो वायरस 80 से 90 प्रतिशत भारतीय आबादी में मौजूद है लेकिन इसका कोई लक्षण नहीं होता है, क्योंकि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। आम तौर पर इसके लक्षण उन लोगों में दिखते हैं जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

डॉक्टरों ने कहा कि इन पांचों मामलों में सभी मरीजों की कोविड के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हुई थी जिससे उनमें सीएमवी के लक्षण दिखे।

बयान में बताया गया है कि दो मरीजों को काफी रक्तस्राव हुआ और इनमें से एक मरीज की आपात जीवन रक्षक सर्जरी करनी पड़ी जबकि दूसरे की अधिक रक्तस्राव और कोविड-19 के कारण छाती के गंभीर रोग की वजह से मौत हो गई। अरोड़ा ने बताया कि अन्य तीन मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया।

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