कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होने पर जब हर व्यक्ति खुश होकर राहत की सांस ले रहा है तब कुछ लोगों को आपत्ति न हो तब हमारा लोकतंत्र क्या शरमा नहीं जाएगा। जी हां! विविध रंगों वाले देश में विरोध भी एक रंग है। अगर गली-मोहल्ले की बातों पर कान लगाएं तो तरह-तरह के जुमले सुनने को हर जगह मिल जाएंगे।
किसी को डर है कि ऐसा तो नहीं यह टीका आदमी की ताकत को ही खत्म कर दे तो कोई इसलिए परेशान है कि टीका कोई नई बीमारी न ले आए! इसलिए आज पहले चरण में टीका उनके लगा है जिन्होंने कोविड का शिकार हुए लाखों-करोड़ों लोगों का खुद को जोखिम में डालकर इलाज किया है। जीवनदान देने वाले हेल्थ फाइटर झूम-झूमकर टीका लगवा रहे हैं लेकिन एक राजनेता ऐसे भी हैं जिन्होंने टीका न लगवाने की अपील करते हुए इसे खतरनाक बताया है।
कोविड वैक्सीनेशन को लेकर संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफ़ीकुर्रहमान बर्क ने वैक्सीन पर उठाए सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि वैक्सीन पहली बार आ रही है अभी न देखा न समझा है, हमारे उलेमाओं ने पहले भी बयान जारी करके कहा था की वैक्सीन मे कुछ गड़बड़ है। नॉर्वे में वैक्सीन के इस्तेमाल से 30 लोगो की मौत हो चुकी है। सभी को अपनी जान प्यारी है इसलिए अभी इस वैक्सीन न लगवाएं।
वैक्सीन मुफीद हो, फायदा पहुंचाए, इसके लिए अभी इंतजार करें। सरकार को चाहिए कि टेस्टिंग के बाद जब रिजल्ट सुखद दिखाई दें, तभी इसका वैक्सीनेशन करवाएं। अखिलेश यादव पहले ही इस टीके को लगवाने का विरोध कर रहे हैं। हम भी उनके विरोध का समर्थन करते हैं, अखिलेश और हम एक ही मिजाज के हैं।
मेरठ से सरधना विधानसभा क्षेत्र बीजेपी विधायक संगीत सोम द्वारा विरोध करने वालों को पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए, पर शफीकुर्रहमान ने कहा कि हम हिन्दुस्तानी हैं, नागरिकता हिन्दुस्तान की और जाएं पाकिस्तान। हम तो देश विभाजन के समय पाकिस्तान नहीं गए, तो अब क्यों जाएंगे?