रूसी स्पूतनिक लाइट (Sputnik Light) कोविड-19 वैक्सीन दिसंबर तक भारत में लॉन्च की जाएगी। खबरों के मुताबिक इस एक डोज वाली Sputnik Light वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के बीच में है। रूस का दावा है कि Sputnik Light लगाए जाने के पहले तीन महीने में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 70 फीसद तक प्रभावी है।
इस महीने के आखिर में परीक्षण के परिणाम के साथ इसे डीसीजीआई को सौंप दिया जाएगा। स्पुतनिक लाइट रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी के घटक -1 के समान है। भारत में अभी तक दो डोज वाली स्पूतनिक का इस्तेमाल किया जा रहा था। हैदराबाद में मौजूद डॉ. रेड्डीज लैब की इस वैक्सीन को भारत में लाने की जिम्मेदारी है।
भारत में कोविशिल्ड, कोवैक्सीन के अलावा स्पूतनिक वी ही कोरोना वैक्सीन का तीसरा टीका है, जिसे भारत में इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है। जुलाई में स्पूतनिक लाइट वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए की गई सिफारिश को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की विषय विशेषज्ञ समिति ने खारिज कर दिया था।
समिति का कहना था कि इस वैक्सीन का देश की आबादी पर ट्रायल नहीं हुआ है, ऐसे में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। भारत सरकार ने 10 अक्टूबर को देश में बन रही रूस की सिंगल डोज वाली वाले कोविड-19 रोधी वैक्सीन स्पूतनिक लाइट के निर्यात की अनुमति दे दी थी। भारतीय दवा कंपनी हेटेरो बायोफार्मा लिमिटेड को रूस को स्पूतनिक लाइट की 40 लाख डोज निर्यात करने की इजाजत दी गई है।