बरहमपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से चेन्नई में फंस गए, ओडिशा के 25 मछुआरे सोमवार को समुद्र के रास्ते नाव से अपने पैतृक निवास गंजम जिला पहुंचे।
चिकिटी ब्लॉक के तहसीलदार हरप्रसाद भोई ने बताया कि मछुआरे रामयापटना तट पर पहुंचे और उन्हें पृथकवास के लिए तत्काल अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि 12 मछुआरे रामयापटना के रहने वाले हैं जबकि 8 पाटी सोनपुर के और पांच मछुआरे मरकंडी गांव के निवासी हैं।
भोई ने बताया कि मछुआरों की प्राथमिक स्वास्थ्य जांच की गई और उन्हें खाना दिया गया। उन्होंने बताया कि 1,100 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए मछुआरों ने लकड़ी की नाव का इस्तेमाल किया।
तहसीलदार ने बताया कि आंध्र प्रदेश के 14 मछुआरों सहित कुल 39 मछुआरों ने 24 अप्रैल को चेन्नई से यात्रा शुरू की थी। मछुआरों ने नाव किराए पर ली थी। आंध्र प्रदेश के मछुआरे दानकुरु में उतर गए।
उल्लेखनीय है कि 20 अप्रैल को 27 मछुआरे नाव के जरिये आंध्र प्रदेश के इच्छापुरम में आए। इसी प्रकार शनिवार को 38 मछुआरे पाटी सोनपुर तट पर नाव के जरिये पहुंचे थे।
इस बीच राज्य के परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहरा ने पुलिस को तटवर्ती इलाकों में कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया है क्योंकि लॉकडाउन में परिवहन का साधन नहीं होने पर और भी लोग समुद्री रास्ते से राज्य में आने का प्रयास कर सकते हैं। (भाषा)