Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कोरोना ड्यूटी में तैनात शिक्षकों पर कहर बनकर टूट रहा कोरोना,मदद के लिए सरकार से लगाई गुहार

कंटेनमेंट जोन के साथ कोविड केयर सेंटर में शिक्षकों की लग रही है ड्यूटी

हमें फॉलो करें कोरोना ड्यूटी में तैनात शिक्षकों पर कहर बनकर टूट रहा कोरोना,मदद के लिए सरकार से लगाई गुहार
webdunia

विकास सिंह

, शनिवार, 24 अप्रैल 2021 (13:10 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना कहर बनकर लोगों पर टूटा है। शिक्षक संगठनों का आरोप है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने प्रदेश में पिछले एक साल में चार सौ से अधिक शिक्षकों की मौत हो गई है,वहीं डेढ़ हजार से अधिक शिक्षक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके है। इतनी बड़ी तदाद में शिक्षकों की कोरोना से मौत के पीछे शिक्षक संगठनों ने सरकार को  जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के शिक्षकों की ड्यूटी कंटेनमेंट जोन और कोविड केयर सेंटर में लगाए जाने से हुई है। इसके साथ कोरोना सर्वे के काम और कोरोना टीकाकरण अभियान में भी ड्यूटी के शिक्षक संक्रमण की चपेट में आए है।
 
आजाद अध्यापक संघ ने शिक्षकों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र भी लिखा है। संघ की अध्यक्ष शिल्पी शिवान 'वेबदुनिया' से बातचीत में कहती हैं कि संकट की इस घड़ी में सरकार शिक्षकों के दोगला व्यवहार कर रही है। एक ओर शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना कोविड केयर सेंटर और कंटेनमेंट जोन में लगाई जा रही वहीं दूसरी सरकार शिक्षकों को अन्य विभाग के कर्मचारियों की तरह कोरोना योद्धा नहीं मान रही है। शिक्षक अपनी जान पर खेलकर बिना पीपीई किट और अन्य सुरक्षा इंतजाम के कंटेनमेंट जोन के साथ कोविड केयर सेंटर और टीकाकरण केंद्रों पर ड्यूटी कर रहे है। वहीं संक्रमण की  चपेट में आने से अब करीब साढ़े चार सौ शिक्षक अपनी जान गवां चुके है। 
 
शिक्षकों की सरकार से मांग की है कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने और उससे संबंधित सभी ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को फ्रंटलाइन वर्कर्स मानते हुए कोरोना वॉरियर का दर्जा दिया जाए। इसके साथ कंटेनमेंट जोन में ड्यूटी देने वाले शिक्षकों को पीपीई किट के साथ अन्य सुरक्षा उपकरण सैनिटाइजर,मास्क और ग्लब्स दिए जाए। वहीं जिन शिक्षकों की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हुए उनके परिजनों को तुरंत अनुग्रह राशि और जल्द से जल्द अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
 
वहीं राज्य शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश यादव ने स्कूलों के बंद होने पर भी शिक्षकों को बुलाए जाने पर सवाल खड़ा किया है। राज्य शिक्षक संघ ने शिक्षकों को पत्र लिखकर कहा कि जब तक स्कूल नहीं खुले तब तक शिक्षक स्कूल नहीं जाए। वहीं माशिमं के उस फैसले पर भी सवाल उठाया है कि जिसमें प्रैक्टिल एग्जाम कराने के बात कही गई है। 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ऑक्सीजन संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, कहा- ऑक्सीजन सप्लाय रोकने वाले को नहीं बख्शेंगे