मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 की चिंताजनक स्थिति के मद्देनजर सख्त लॉकडाउन लगाने के शनिवार को संकेत दिए। यह जानकारी सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए कुछ मंत्रियों और भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दी।
वहीं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि इससे जिन तबकों की जीविका प्रभावित होगी, उनके लिए वित्तीय पैकेज को लेकर वे सोमवार को बैठक करेंगे। उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी अशोक चव्हाण ने कहा, लॉकडाउन की प्रकृति, उसकी व्यापकता और अवधि को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।
डिजिटल बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बताया, सर्वदलीय बैठक में हालांकि लॉकडाउन पर कोई औपचारिक फैसला नहीं हुआ, लेकिन मुख्यमंत्री सख्त लॉकडाउन के पक्ष में लगते हैं। बैठक में दो घंटे से भी ज्यादा समय तक राज्य में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा हुई।
सत्तारूढ़ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के नेताओं के अलावा विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और अन्य नेतागण भी बैठक में शामिल हुए। पाटिल ने कहा, भाजपा को लगता है कि लॉकडाउन जरूरी है, लेकिन सरकार को पहले प्रभावित होने वालों के लिए वित्तीय पैकेज को तय कर लेना चाहिए।पटोले ने कहा कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री के किसी भी फैसले का समर्थन करेगी।
उन्होंने कहा, लेकिन कांग्रेस चाहती है कि लॉकडाउन से कम से कम समस्या हो। हम प्रभावित तबकों के लिए वित्तीय पैकेज का समर्थन करते हैं। विपक्ष ने कहा कि वित्तीय पैकेज की घोषणा पहले होनी चाहिए। इस बीच, पटोले ने महाराष्ट्र में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए टीके की खराब/कम आपूर्ति को जिम्मेदार बताया।
राकांपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि मुख्यमंत्री कोई भी फैसला करने से पहले राज्य कोविड-19 कार्यबल के साथ चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, आज की बैठक में हिस्सा लेने वाले नेताओं के बीच सर्वसम्मति थी कि कोरोनावायरस की संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए लॉकडाउन या कड़ी पाबंदियां लगाना जरूरी है।
सरकार दिहाड़ी मजदूरों और वैसे लोग जिनकी लॉकडाउन की वजह से आजीविका प्रभावित होगी, उन्हें वित्तीय पैकेज मुहैया कराने पर भी विचार करेगी। बैठक उठाए जाने वाले कदमों पर आम सहमति बनाने के लिए आयोजित की गई थी।(भाषा)