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देश में नहीं आएगी कोरोना की तीसरी लहर, 'वेबदुनिया' से बोले रमन गंगाखेडकर,अब एंडेमिक स्टेज पर कोरोना संक्रमण

ICMR के पूर्व महामारी विशेषज्ञ डॉ. रमन गंगाखेडकर से खास बातचीत

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विकास सिंह

, गुरुवार, 26 अगस्त 2021 (13:10 IST)
नीति आयोग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की ओर से सितंबर-अक्टूबर में देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जाहिर करने के बीच केरल में एक‌ दिन में रिकॉर्ड संख्या में कोरोना मरीजों के बाद कई तरह की आशंकाओं ने जन्म दे दिया है। देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को लेकर ‘वेबदुनिया’ ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्था (ICMR) के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख रमन गंगाखेडकर से खास बातचीत की।     
    
पूरे देश में कोरोना की तीसरी लहर नहीं- कोरोना की देशव्यापी तीसरी लहर को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हुए रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि पूरे देश में कोरोना की तीसरी लहर आना बहुत मुश्किल है। अभी आने वाले समय में पूरे देश में कोरोना की वैसी तीसरी लहर नहीं दिखाई देगी जैसा कोरोना की पहली दो लहरों में देखने को मिला था जिसमें एक दिन में लाखों कोरोना के केस आ रहे थे और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही थी।  ‌ 
 
रमन गंगाखेडकर आगे कहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर पूरे देश एक साथ तब तक नहीं दिखाई देगी जब तक कोई नया ऐसा वैरिएंट नहीं आ जाए जिसका मुकाबला कोरोना संक्रमण के बाद शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी या कोरोना वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी या शरीर की नेचुरल एंटीबॉडी नहीं कर सके। जब तक दुनिया में कोरोना को कोई नया घातक वैरिंएट नहीं आएगा तब तक कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी। अगर देश में फिर एक दिन में चार लाख तक‌ केस आते हुए दिखाई देंगे तो यह‌ तय होगा कि कोरोना का कोई नया घातक‌ वैरिएंट आ गया है।
 
कोरोना संक्रमण का लोकल आउटब्रेक देखने को मिलेगा- महामारी विशेषज्ञ रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि अब कोरोना संक्रमण उन इलाके में एक पॉकेट में ही दिखाई देगा जहां पर कोरोना की पहली व दूसरी लहर में कोरोना के केस बहुत कम पाए गए हैं वहां पर अब लोकल आउटब्रेक दिखाई दे‌गा है। आने वाले समय में कोरोना संक्रमण ऐसे छोटे-छोटे एरिया में होता हुआ दिखाई देगा जहां सीरो प्रिविलेंस कम होगा यानि एंटीबॉडी कम पाई जा रही होगी। अब कोरोना संक्रमण होने का खतरा उन लोगों को अधिक होगा जो पहली और दूसरी लहर में संक्रमण से बच गए है या जिन्होंने कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज नहीं लिए है।
 
केरल में कोरोना के केस बढ़ने की वजह- केरल में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह बताते हुए महामारी विशेषज्ञ रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि केरल में जून में आईसीएमआर ने जो सीरो ‌सर्वे किया था उसमें केवल 44 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई वहीं इसकी तुलना में मध्यप्रदेश में सीरो सर्वे में 80 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी। ऐसे में जाहिर सी बात है कि कोरोना संक्रमण मध्यप्रदेश ‌में कम और केरल में अधिक तेजी से दिखाई देने को मिलेगा।

जहां तक अभी केरल में अधिक तेजी से संक्रमण फैलने का कारण है तो कोरोना की पहली लहर में जिस तरह से सख्त लॉकडाउन और कम्युनिटी मोबालाइजेशन रहा उससे पहली लहर में संक्रमण के बहुत कम मामले दिखाई देने को मिले। ऐस में अब जाहिर सी बात है कि कोरोना संकमण वहां दिखाई देगा जहां या पहले लोगों को बहुत का इफेंक्शन हुआ है या वहां एक बड़ी आबादी में बहुत कम वैक्सीनेशन हुआ है। 
 
डेल्टा प्लस वैरिएंट से नई लहर का खतरा नहीं- देश में लगातार बढ़ते डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर रमन गंगाखेडकर कहते है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के चलते कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी और उतने केस देखने को नहीं मिलेंगे जितने डेल्टा वैरिएंट में देखने को मिलेंगे। डेल्टा प्लस वैरिएंट नहीं फैलता है इसका कारण इस वैरिंएट को फैलने में दो म्यूटेशन लगते है और म्यूटेशन 501 केवल दक्षिण अफ्रीका में दिखाई दिया था, भारत में नहीं मिलता है।
 
कोरोना संक्रमण के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी नहीं-हर्ड इम्युनिटी वहीं देश में कोरोना संक्रमण को लेकर हर्ड इम्युनिटी की बात पर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि अभी हर्ड इम्युनिटी की बात करना थोड़ा‌ जल्दबाजी होगी। असल में हर्ड इम्युनिटी तब कहलाती है जब लोगों को दोबारा कोरोना संक्रमण नहीं हो लेकिन अभी तक जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन लगी है उनको माइल्ड संक्रमण ‌तो हो ही रहा है, इसलिए हर्ड इम्युनिटी कहना जल्दबाजी होगी।
 
भारत में कोरोना संक्रमण अब एंडेमिक स्टेज में- महामारी विशेषज्ञ रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि देश में कोरोना संक्रमण अब एंडेमिक स्टेज पर पहुंचता दिखाई दे रहा है, जब या तो बहुत सारे लोगों को इंफेक्शन हो चुका होगा या उनको वैक्सीन लग चुकी होगी। देश में अब कोरोना संक्रमण अब एक निश्चित एरिया और कुछ पॉकेट में दिखाई देगा। एंडेमिक स्टेज संक्रमण की वह स्टेज है जिसमें किसी महामारी का असर कम लोगों या किसी खास इलाके तक सीमित होता है।
 
डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि जिनको कोरोना हो चुका है ऐसे लोगों को दोबारा कोरोना संक्रमण होने या संक्रमण होने के बाद गंभीर अवस्था में पहुंचने या मौत होने का चांस बहुत कम है, इसके साथ ऐसे लोग जिनको वैक्सीन लग चुकी है उनमें से 100 में से 80 लोगों को संक्रमण की चपेट में आकर गंभीर रूप से बीमार होने और डेथ होने की संभावना बहुत कम है ऐसे लोगों को माइल्ड सिमटम हो सकता है।
 

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