ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BA2 के चलते दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और यूरोप के कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। जबकि, भारत की स्थिति को देखें, तो जानकार यहां चौथी लहर को लेकर ज्यादा चिंतित नजर नहीं आ रहे हैं। इसके लिए वे टीकाकरण और इम्युनिटी समेत कई कारण गिनाते हैं। फिलहाल, कुछ दिनों से देश में संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 3 हजार से कम रही है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के तकनीकी सलाहकार और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉक्टर सुभाष सालुंखे कहते हैं, 'हम सावधानी कम नहीं कर सकते, क्योंकि जैसा बाकी दुनिया में हो रहा है, भारत में चौथी लहर आनी है।' उन्होंने कहा, 'चौथी लहर के बारे में जो एक चीज नहीं जानते कि यह कब आएगी और कितनी खतरनाक होगी।'
दिसंबर 2021 और फरवरी के बीच आई तीसरी लहर के दौरान बढ़ी हुई इम्युनिटी और अधिकांश राज्यों में बेहतर टीकाकरण के चलते फिलहाल नई लहर को लेकर जानकारों के बीच चिंता कम है। नवंबर 2021 में दक्षिण अफ्रीका में पहली बार पाए गए ओमिक्रॉन वेरिएंट ने दुनिया भर में मुश्किलें खड़ी कर दी थी।
हालांकि, कुछ समय बाद ही यह साफ हो गया था कि तेजी से फैलने वाले इस वेरिएंट के चलते अस्पतालों में मरीजों की भर्ती होने और मौतों की संख्या में खास इजाफा नहीं हुआ था। जानकारों का कहना है कि ऐसे टीकाकरण के चलते हुआ।
महाराष्ट्र सरकार के कोविड-19 टास्क फोर्स का हिस्सा रहे डॉक्टर शशांक जोशी मुंबई की स्थिति को लेकर बताते हैं, 'जीनोम सीक्वेंसिंग के चलते हमें एहसास हुआ कि यहां तीसरी लहर की शुरुआत में ही ओमिक्रॉन के वेरिएंट BA1 और BA2 मौजूद हैं।' उन्होंने कहा कि भारत में नई लहर का फिलहाल कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने जानकारी दी, 'BA2 भारत में रहा है। इजरायल के नए वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं माना गया है, तो जब तक नया VoC सामने नहीं आता, यहां चिंता करने की कोई बात नहीं है। हालांकि, हमें मास्क पहनना बंद नहीं करना चाहिए।' वैज्ञानिकों का मानना है कि एंटीबॉडीज के कम होते ही SARS-CoV-2 वायरस लोगों को दोबारा संक्रमित कर सकता है।