कब जाएगा कोरोनावायरस? मिल गया सवाल का जवाब

Webdunia
सोमवार, 15 फ़रवरी 2021 (08:19 IST)
नई दिल्ली। यदि कोविड-19 कभी खत्म नहीं होता है तो क्या होगा? विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी के कुछ रूप सालों तक बने रहेंगे लेकिन भविष्य में यह कैसा होगा, यह अभी लगभग अस्पष्ट है।

दुनियाभर में पहले ही 20 लाख से अधिक लोगों की जान ले चुके कोरोनावायरस का वैश्विक टीकाकरण अभियान के जरिए क्या चेचक की भांति आखिरकार पूरा सफाया कर लिया जाएगा? या फिर यह वायरस हल्की परेशानी के रूप में अपने आपको तब्दील करके सर्दी- जुकाम की तरह लंबे समय तक बना रहेगा।

वायरस का अध्ययन करने वाले और पोलियो एवं एचआईवी/एड्स से निपटने के भारत के प्रयास का हिस्सा रहे डॉ. जैकब जॉन का अनुमान है कि सार्स-कोव-2 नाम से चर्चित यह वायरस उन कई अन्य संक्रामक रोगों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा जिसके साथ इंसान ने जीना सीख लिया है। लेकिन पक्के तौर पर किसी को कुछ पता नहीं है। यह वायरस तेजी से पनप रहा है और कई देशों में नई किस्में सामने आ रही हैं।

इन नई किस्मों के जोखिम की बातें तब प्रमुख रूप से सामने आई थीं जब नोवावैक्स इंक ने पाया कि उसका टीका ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में सामने आई नई किस्मों पर कारगर साबित नहीं हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस जितना फैलेगा , उतनी ही ऐसी संभावना है कि नई किस्म वर्तमान जांच, उपचार और टीकों को छकाने में समर्थ हो जाएगी।

लेकिन फिलहाल वैज्ञानिकों के बीच इस तात्कालिक प्राथमिकता पर सहमति है कि यथासंभव लोगों को टीका लगाया जाए और अगला चरण कुछ कम पक्का है एवं यह काफी हद तक टीकों द्वारा प्रदत्त प्रतिरोधकता और प्राकृतिक संक्रमण पर निर्भर करता है और यह भी कि वह कब तक रहता है।

कोलंबिया विश्वविद्यालय में वायरस का अध्ययन करने वाले जेफ्री शमन ने कहा, क्या लोग थोड़े- थोड़े समय पर बार-बार संक्रमित हाने जा रहे हैं? हमारे पास यह जानने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं। अन्य अनुसंधानकर्ताओं की भांति उनका भी मानना है कि इस बात की बहुत ही क्षीण संभावना है कि टीके से जीवनपर्यंत प्रतिरोधकता मिलेगी।

क्या मानव को कोविड-19 के साथ रहना सीख लेना चाहिए, लेकिन उस सह अस्तित्व की प्रकृति बस इस बात पर निर्भर नहीं करती है कि कब तक प्रतिरोधकता रहती है, बल्कि इस पर भी निर्भर करती है कि यह वायरस आगे पनपता कैसे है? क्या यह हर साल अपने आपमें बदलाव कर लेगा और फ्लू की भांति हर साल टीके की जरूरत होगी या कुछ सालों में टीके की जरूरत पड़ेगी?

अब आगे क्या होता है, यह सवाल एमोरी विश्वविद्यालय में विषाणुविद जेन्नी लेवाइन को भी आकर्षित करता है। हाल ही में विज्ञान में उनके सहलेखन से प्रकाशित हुए शोध पत्र में अपेक्षाकृत आशावादी तस्वीर पेश की गई : जब ज्यादातर लोग इस वायरस के सम्मुख आ जाएंगे (या टीकाकरण के जरिए या फिर संक्रमण से निजात पाने के बाद, तब यह संक्रमण जारी तो रहेगा लेकिन वह सर्दी) जुकाम की भांति बस मामूली रूप से बीमार करेगा।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश, CM योगी ने उपद्रवियों को दी चेतावनी

समुद्र में आग का गोला बना जहाज, 300 से ज्यादा यात्री थे सवार, रोंगटे खड़े कर देगा VIDEO

महंगा पड़ा कोल्डप्ले कॉन्सर्ट में HR मैनेजर को गले लगाना, एस्ट्रोनॉमर के CEO का इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, बिहार में SIR पर विपक्ष ने उठाए सवाल

24 कंपनियों ने जुटाए 45,000 करोड़, IPO बाजार के लिए कैसे रहे 2025 के पहले 6 माह?

सभी देखें

नवीनतम

दल हित में मत भले ही न मिलें, लेकिन देश हित में मन जरूर मिलें : प्रधानमंत्री मोदी

2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस: बॉम्बे हाई कोर्ट से सभी 12 आरोपी बरी, 189 लोगों की हुई थी मौत

Petrol Diesel Prices: सप्ताह के प्रथम दिन क्या हैं पेट्रोल और डीजल के ताजा भाव, जा‍नें नई कीमतें

ऑटो में बैठे बच्चे को पिटबुल से कटवाया, बचाने की जगह जोर जोर से हंसने लगा कुत्ते का मालिक

हमास के कमांडर को इजरायल ने किया ढेर, 115 फिलिस्तीनियों की हत्या, 75 आतंकी ठिकाने तबाह

अगला लेख