कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन को हल्के में ना लें। इसे आम सर्दी खांसी समझने की गलती ना करें। अगर इसके केस बढ़े तो पूरा मेडिकल सिस्टम पस्त हो सकता है। यह जितना अधिक फैलेगा, कोरोना के नए और अधिक खतरनाक वेरिएंट के उभरने की आशंका है।
डब्ल्यूएचओ की वरिष्ठ आपात अधिकारी कैथरीन स्मॉलवुड ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि संक्रमण की बढ़ती दर विपरीत प्रभाव डाल सकती है।
स्मॉलवुड ने कहा, “जितना अधिक ओमिक्रॉन फैलता है, उतना ही यह प्रसारित होता है और जितना अधिक यह दोहराता है, उतनी ही अधिक संभावना है कि एक नया वेरिएंट सामने आ जाए। अब, ओमिक्रॉन घातक है, यह मृत्यु का कारण बन सकता है … शायद डेल्टा से थोड़ा कम, लेकिन कौन कह सकता है कि अगला वेरिएंट कैसा होगा।
ओमिक्रोन दुनिया भर में जंगल की आग की तरह फैल रहा है। हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोरोना के पहले के रूपों की तुलना में कम घातक है। इस तथ्य से उम्मीद जगी थी कि महामारी को दूर किया जा सकता है और जीवन अधिक सामान्य हो सकता है।