लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंदसिंह बिष्ट ने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। वे किडनी और लिवर की समस्या से पीड़ित थे।
मुख्यमंत्री के पिता के निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई, लेकिन कोरोना वायरस महामारी से लड़ गए प्रदेश की जनता की सुरक्षा को लेकर इस कठिन समय में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 11 के साथ बैठक करते हुए वायरस से लड़ने के लिए आगे की कार्ययोजना तैयार की।
पिता के अंतिम संस्कार में पहुंचने की अटकलों पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री ने पत्र जारी करते हुए साफ कर दिया कि पिता के अंतिम संस्कार में सम्मिलित नहीं हो पाएंगे और लॉकडाउन के पश्चात दर्शनार्थ के लिए गांव पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवार को एक पत्र भी लिखकर कहा है कि अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुःख एवं शोक है।
वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता हैं। जीवन में ईमानदारी कठोर परिश्रम एवं नि:स्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को यूपी की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने का कर्तव्यबोध के कारण यह संभव नहीं हो सका।
21 अप्रैल को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण शामिल नहीं हो पाऊंगा।
पूजनीय माताजी, पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से भी अपील है कि वे लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें। पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।
बैठक के दौरान दिखे भावुक : पिता की मौत की सूचना योगी आदित्यनाथ को टीम 11 की बैठक के दौरान मिल गई थी, लेकिन वे इस दौरान विचलित नहीं हुए और अपना काम उन्होंने लगातार जारी रखा।
सूत्रों की मानें तो टीम 11 की बैठक के दौरान कोरोना महामारी को लेकर तैयारियों की समीक्षा करते हुए उनकी आवाज और चेहरे पर पिता के अंतिम दर्शन न कर पाने का दर्द साफतौर पर देखा जा रहा था और अपनी भावुकता को छुपाते हुए वे महामारी की तैयारियों के बारे में बातचीत कर रहे थे। प्रदेश के प्रति निष्ठा को देखकर मौजूद सभी अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सादर नमन भी कर रहे थे।