गाजियाबाद के राहुल यादव की क्रिकेट कहानी

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गाजियाबाद। राहुल यादव, एक प्रतिभाशाली दाहिने हाथ के बैट्समैन तथा विकेटकीपर, वर्तमान में नाइट्स इलेवन प्रीमियर के कप्तान हैं। उन्होंने 2003 से लेकर अब तक अंडर 15, 17, 19, 22 और 25 के तहत दिल्ली से रणजी ट्रॉफी का प्रतिनिधित्व किया था। वर्तमान में वे अपने क्रिकेट कौशल के वैभव को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में डीडीसीए लीग में पूसा यंगस्टर्स के लिए 140 रन बनाकर सुर्खियों में आ गए। 
नाइट्स द्वारा संपर्क किए जाने के पहले राहुल की प्रतिभा को उनके पिता के दोस्त ने देखा था, जो खेल के क्षेत्र में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कार्यरत थे। राहुल उस समय केवल 12 साल के थे। यह उनके सुझाव के तहत था कि राहुल 2-3 साल के लिए जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में अभ्यास शुरू करें। बाद में उन्होंने 2003 में दिल्ली अंडर 15 का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद उन्होंने प्रोफेशनल करियर शुरू किया।
 
इस दौरान राहुल को नाइट्स की स्काउटिंग टीम द्वारा चुना गया, जिन्होंने उसे टीम का हिस्सा बनने का प्रस्ताव दिया। नाइट्स के साथ एक विशेष अनुबंध के तहत उन्हें टीम द्वारा एक हरफनमौला क्रिकेटर के रूप में विकसित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया और एनआईपीएल के चयनकर्ताओं द्वारा फिट समझने के लिए उनकी प्रतिभा को सुधारने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान किया गया।
 
गाजियाबाद (उत्तरप्रदेश) में जन्मे और पले-बढ़े राहुल अपने माता-पिता के साथ रहते हैं। उनके दो भाई और एक बहन हैं। उनके पिता एक व्यवसायी और माता एक गृहिणी हैं।
 
अपने करियर और नाइट्स के बारे में बोलते हुए राहुल यादव ने कहा कि नाइट्स ने न केवल मेरी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए सही मंच प्रदान किया है बल्कि मुझे एक खिलाड़ी के रूप में व्यावसायिकता और जिम्मेदारी की मजबूत भावना को भी समझाया। कड़ी मेहनत के साथ-साथ फोकस और प्रदर्शन आगे की ओर ले जाते हैं। 
 
उन्होंने कहा कि कामचलाऊ रवैया उसी पल दूर हो जाता है, जब आपको महसूस होता है कि आप नाइट्स के लिए खेल रहे हैं। एक खिलाड़ी के रूप में भी मैंने बताया था कि एक 19-20 साल का क्रिकेटर खेल में 80 प्रतिशत जमीनी प्रयास और 20 प्रतिशत दिमाग का इस्तेमाल करता है। 
 
20 के बाद खेल में यह दिमाग में 70 प्रतिशत और 20 अथवा 30 प्रतिशत कठिन परिश्रम करता है। इस समय आप में एक परफॉर्मर के रूप में परिपक्व, आत्मविश्वास विकसित होता है, आप हैंडल प्रेशर सीखते हैं और आप तथ्य के साथ उन मामलों का अनुभव महसूस करते हैं, जो कि यह टीम के प्रकार पर निर्भर करता है जिसका आप प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 
 
उन्होंने कहा कि स्वयं के लिए मुझे लगता है कि यदि मैं अगले 4-5 वर्ष तक खेलूं तो मैं अपने आपको और अधिक साबित करने में सक्षम हो जाऊंगा और एक अवसर दिया जाएगा, जहां मैं रणजी ट्रॉफी के एक पूर्ण सत्र के लिए दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर सकता हूं।
 
क्रिकेट की दुनिया की कड़ी प्रतिस्पर्धा के साथ जहां हर दिन दूसरे विराट कोहली बनने की आशा के साथ एक नई प्रतिभा परिदृश्य में आती है, राहुल नाइट्स के पर्यवेक्षण और देखभाल के अंतर्गत काफी भाग्यशाली हैं। आज नवोदित क्रिकेटरों के लिए अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए सही मंच बहुत जरूरी है। नाइट्स के साथ उसको क्रिकेट की दुनिया में बड़ा बनाने के लिए उसकी सभी आवश्यकताओं का समर्थन देता है। राहुल को लगातार अच्छा खेलते रहने की जरूरत है, जिस तरह पिछले कुछ वर्षों से वे खेल रहे हैं।
 
नाइट्स के अपने लक्ष्य 'सितारे की तरह खेलो और आदर्श की तरह जियो' के अनुसार राहुल को बड़े सपने देखने और बड़े लक्ष्य रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वे दृढ़ता के साथ अपने सपनों को साकार करने में लिप्त हैं। इस हेतु वे पूर्वी भारत में होने वाले संयुक्त प्रशिक्षण सत्र, कैंप तथा अभ्यास सत्रों में शामिल होते हैं।
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