मैनचेस्टर। भारत और न्यूजीलैंड के बीच विश्व कप क्रिकेट के सेमीफाइनल मैच ने करोड़ों भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की सांसें ऊपर नीचे करके रख दी। बारिश की लुकाछिपी के बीच डकवर्थ-लुईस नियम लागू कर दिया गया था और हर 4 मिनट में 1 ओवर कम भी होता गया लेकिन बारिश के आगे ये सभी प्लान फेल हो गए। स्थानीय समयानुसार साढ़े 6 बजे अंपायरों ने इस मैच को 'रिजर्व डे' में कराने का अंतिम फैसला लिया।
ओल्ड ट्रेफर्ड मैदान पर बारिश के कारण खेल रोके जाने तक न्यूजीलैंड ने 46.1 ओवर में 5 विकेट खोकर 211 रन बनाए थे। तभी बारिश ने खेल को रोकने पर मजबूर कर दिया।
मंगलवार के दिन यहां पर मौसम पल पल रंग बदलता रहा। कभी तेज बारिश, कभी बूंदाबांदी और कभी हल्की धूप। कई दर्शक जो तिरंगे छाते के साथ आए थे उन्हें अंपायरों की घोषणा के साथ निराश होकर घर लौटना पड़ा।
इंग्लैंड में 1999 में आयोजित विश्व कप में जो नियम शुरू किया गया था, वह इस विश्व कप में भी लागू किया गया। सेमीफाइनल के लिए एक दिन सुरक्षित रखा गया था, ताकि यदि बारिश के कारण मैच पूरा नहीं हो सके तो उसे अगले दिन सम्पन्न कराया जा सके।
यहां मौजूद दर्शक यही उम्मीद कर रहे थे कि भले ही मैच में डकवर्थ लुईस नियम लागू हो लेकिन मैच आज ही पूरा हो जाए और भारत जीत दर्ज करके फाइनल में पहुंच जाए लेकिन ऐसा हो नहीं सका। अब यह सेमीफाइनल मैच रिजर्व डे पर खेला जाएगा, जहां न्यूजीलैंड की पारी 46.1 ओवर से आगे शुरू होगी और भारत 3.5 ओवर की शेष गेंदबाजी पूरी करेगा।
हालांकि मंगलवार को कई बार ऐसे भी संकेत मिले कि मैच शुरू हो सकता है। ग्राउंड स्टाफ मैदान को जैसे ही सुखाता, बारिश की बूंदे आकर पूरी मेहनत पर पानी फेर देती। कायदे से यह मैच शाम 6.25 तक खत्म हो जाना चाहिए था लेकिन बारिश के व्यवधान के कारण यह मैच 8 बजे बाद तक चलने की बात भी कही जाती रही। यहां तक कि इस मैच में डकवर्थ-लुईस नियम लागू होने से हर 4 मिनट में 1 ओवर कम होने भी शुरू हो गए थे लेकिन सभी योजनाएं धरी की धरी रह गई।
नियमानुसार किसी मैच के परिणाम के लिए कम से कम 20 ओवर का खेल होना जरूरी है। इस मान से भारत को 20 ओवर में 148 रनों का लक्ष्य मिल सकता था परंतु देर शाम जब अंपायरों ने मैदान का निरीक्षण किया तो उसे खेलने के लायक नहीं पाया। यही कारण है कि उन्होंने मैच को एक दिन आगे के लिए सरका दिया। हालांकि बुधवार को भी मैनचेस्टर में बारिश की आशंका जाहिर की गई है।