कृति शर्मा
Indian Bolwers in ODI World Cup : क्रिकेट में एक कहावत है कि बल्लेबाज आपको मैच जिताते हैं, लेकिन गेंदबाज आपको टूर्नामेंट जिताते हैं और जिस तरह से भारतीय गेंदबाज इस टूर्नामेंट में खेल रहे हैं, ऐसा लगता है कि वे यह साबित करके ही मानेंगे। 29 अक्टूबर को भारत और इंग्लैंड के बीच मैच लखनऊ के इकना स्टेडियम में खेला जा रहा था, इंग्लैंड द्वारा पहले गेंदबाजी करने का फैसला करने के बाद भारत ने धीमी शुरुआत की और कप्तान रोहित शर्मा को जिम्मेदारी संभालनी पड़ी और उन्होंने 87 रन बनाकर बिलकुल ऐसा ही किया।
उन्होंने बतौर खिलाड़ी तब जिम्मेदारी अपने हाथों में ली जब भारत का टॉप आर्डर डगमगा चूका था। जैसे तैसे भारत 9 विकेट खोकर इंग्लैंड के सामने 230 रन का लक्ष्य रखने में कामयाब रहा. भारतीय प्रशंसकों को भारतीय टीम के लिए कम स्कोर का बचाव करना काफी मुश्किल लग रहा था और ऐसा लग रहा था कि इस वर्ल्ड कप में भारत का अब तक हर मैच जीतने का सिलसिला टूट जाएगा, लेकिन तभी भारत की घातक तेज गेंदबाजी ने कमान अपने हाथों में ली और दूसरी पारी में इंग्लैंड की शुरुआत को उनके आशाओं के अंत की शुरुआत बना दी। उसके बाद तो फिर इंग्लैंड के विकेट ताश के पत्तो की तरह एक के बाद एक गिरने लगे।
इस मैच में, यहाँ तक कि भारत के खेले गए हर मैच में भारतीय गेंदबाजी इतनी घातक और अजेय रही है कि उसे पूरी दुनिया से प्रशंसा मिली। INDvsENG मैच में Jasprit Bumrah के द्वारा दो विकेट लेने के बाद, Mohammed Shami आए और जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) को 14 और बेन स्टोक्स (Ben Stokes) को डक (शुन्य) पर आउट कर दिया। इसके बाद स्पिनर कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav ) अपनी 7.2 डिग्री टर्न वाली गेंद के साथ आए, जिसने इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर (Jos Buttler) को आउट किया, यह गेंद बिल्कुल खेलने योग्य नहीं थी, पूरी तरह 'Unplayable', अभी तो Jos Buttler आउट ऑफ़ फॉर्म चल रहे हैं, लेकिन कुलदीप की इस गेंद पर इन फॉर्म Buttler भी न खेल पाते और फिर इसी तरह इंग्लैंड की टीम दबाव में आ गई और एक के बाद एक 34.5 ओवर में 129 रन बनाकर अपने दस विकेट गवा बैठी।
Team India ने इस विश्व कप में अपना लगातार छठा मैच अजेय रहकर जीता और अब तालिका में शीर्ष पर है और इन जीतों में टीम के गेंदबाजों ने अब तक बहुत अच्छा काम किया है। Ravindra Jadeja ने अब तक गेंदबाज का किरदार बखूबी निभाया है वहीँ, Mohammed Siraj जिस लय में नज़र आ रहे हैं, लगता है वे जल्द ही दमदार प्रदर्शन कर धमाका करने वाले हैं लेकिन इन तीन भारतीय गेंदबाजों को रोकना अब 'नामुमकिन' सा होता जा रहा है।
Mohammed Shami : भले ही इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के एडम जाम्पा (Adam Zampa) के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह दूसरे नंबर पर हों, लेकिन भारतीय गेंदबाजों की बात करें तो तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने सिर्फ दो मैचों में जो प्रभाव डाला, वह काबिलेतारीफ है। उन्हें Team India के शुरुआती चार मैचों के लिए बाहर कर दिया गया था, लेकिन भारत के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) को बांग्लादेश के खिलाफ चोट लगने के बाद मोहम्मद शमी को टीम में आने का मौका मिला और उनकी वापसी बेहद ही दमदार रही, उन्होंने धर्मशाला में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने पहले मैच में 5 विकेट लिए (Mohammed Shami 5 Wicket Haul against New Zealand) और इकाना स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ 4 विकेट लिए।
उन्होंने अब तक इन दो मैचों में महज 17 ओवर में 8.44 की औसत से 9 विकेट लिए हैं। वनडे वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीयों की सूची में वह Zaheer Khan (23 पारियों में 44 विकेट) और Javagal Srinath (23 पारियों में 44 विकेट) से पीछे हैं। मोहम्मद शमी को 40 विकेट लेने के लिए सिर्फ 13 पारियां लगीं।
शमी के इस दमदार प्रदर्शन के बाद यह कहा जा सकता है कि हार्दिक के चोट से उभरने के बाद मोहम्मद शमी कहीं नहीं जा रहे हैं और हो सकता है कि अंत तक वह इस विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शामिल हो जाएं।
Jasprit Bumrah : भारत के स्टार तेज गेंदबाज Jasprit Bumrah की बात करें तो, वह पिछले साल T-20 World Cup के बाद से ही चोंट के कारण क्रिकेट मैदान से बाहर थे, लेकिन जिस तरह से वह खेलने के लिए वापस आए, वह अद्भुत है, उन्होंने अब तक बिल्कुल वैसा ही प्रदर्शन दिया है जैसी उनसे उम्मीद की गई थी।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच में बुमराह ने शानदार प्रदर्शन किया जहां उन्होंने 2 विकेट लिए जब इसकी बहुत आवश्यकता थी और इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने डेविड मलान (Dawid Malan) और जो रूट (Joe Root) को आउट करते हुए दो गेंदों में दो विकेट लिए। इस विश्व कप में अब तक 6 मैचों में 15.07 की औसत और 3.91 की इकोनॉमी के साथ 14 विकेट लेकर बुमराह दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
Kuldeep Yadav : भारत को जब भी पार्टनरशिप तोड़ने की जरूरत होती है, कुलदीप यादव इस जिम्मेदारी को अपने हाथों में लेकर बखूबी निभाते आए हैं यही कारण है कि प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाड़ी बड़ा रिकॉर्ड बनाने के लिए लंबी साझेदारी नहीं बना सके। उन्हें भारतीय टीम द्वारा काफी वक़्त तक नज़रअंदाज किया गया था और बहुत लंबे समय तक बेंच पर बैठाया गया था।
यहां तक कि आईपीएल में भी कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें पूरे सीज़न के लिए बेंच पर बिठाया था (KKR Benched Kuldeep Yadav), लेकिन अब उन्हें इतना अच्छा प्रदर्शन करते हुए और विपक्ष के खिलाफ मैदान पर बाघ की तरह दहाड़ते देखते हुए उन्हें काफी रिग्रेट हटा होगा। अब तक इस वर्ल्ड कप में 6 मैचों में उन्होंने 26.10 की औसत और 4.50 की इकॉनमी से 10 विकेट लिए हैं।