ICC ODI World Cup एकदिवसीय विश्व कप में मेजबान के रूप में उतर रहा भारत 2011 के जादुई प्रदर्शन को दोहराने का प्रयास करेगा जब उसने करिश्माई कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में खिताब जीता था।
अजित अगरकर की अगुआई में चयनकर्ताओं ने टीम में किसी हैरान करने वाले नाम को जगह नहीं दी और मुख्य रूप से संतुलित टीम का चयन किया गया।PTI भाषा 15 सदस्यीय टीम के बारे में जानकारी दे रही है:
रोहित शर्मा:बारह साल पहले रोहित शर्मा विश्व कप टीम में जगह बनाने से चूकने के बाद अपने करियर के सबसे मुश्किल दौर में से एक का सामना कर रहे थे और तीन टूर्नामेंट बाद वह भारत की उम्मीदों की अगुआई कर रहे हैं।
सीमित ओवरों के क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी रोहित के नाम पर लगभग 10 हजार रन दर्ज हैं और एकदिवसीय प्रारूप में संभवत: यह उनकी आखिरी वैश्विक प्रतियोगिता है। उनकी फॉर्म में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है लेकिन अगर उनका बल्ला चलता है तो भारतीय टीम की राह आसान हो जाएगी।
रोहित के नाम छह विश्व कप शतक दर्ज हैं और वह आगामी विश्व कप में इस संख्या में इजाफा करने की कोशिश करेंगे। वह हालांकि विश्व कप ट्रॉफी के लिए सभी निजी उपलब्धियों को छोड़ने हो तैयार होंगे क्योंकि भारतीय क्रिकेट में यह उनकी विरासत होगी।
विराट कोहली:विश्व कप 2011 में खिताबी जीत के तुरंत बाद युवा विराट कोहली ने सचिन तेंदुलकर की सराहना करते हुए कहा था कि इस महान खिलाड़ी ने किस तरह 21 साल तक टीम की उम्मीदों का बोझ उठाया और यह उनकी जिम्मेदारी है कि खिताब जीतने के बाद वे उन्हें अपने कंधों पर उठाएं।
लगभग 35 बरस की उम्र में और एक दशक तक शीर्ष पर रहने के बाद किंग कोहली दूसरी आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम करना चाहेंगे। कप्तान के रूप में वह यह उपलब्धि हासिल करने में नाकाम रहें। उनके नाम पर 46 एकदिवसीय शतक दर्ज हैं तथा चार और शतक के साथ वह अपने आदर्श तेंदुलकर से आगे निकल जाएंगे।
तीन साल तक खराब फॉर्म से जूझने के बाद कोहली ने पिछले कुछ समय में अच्छा प्रदर्शन किया है और उम्मीद करते हैं कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ बड़े मैचों के लिए बचा रखा है- सेमीफाइनल और फाइनल जहां असल में वह बड़ी प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
शुभमन गिल:इस 23 वर्षीय खिलाड़ी से काफी उम्मीदें होंगी जिन्होंने पिछले 12 महीने में सभी प्रारूप में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्हें शिखर धवन की जगह लेनी है जो पिछले दशक में आईसीसी प्रतियोगिताओं में संभवत: भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे हैं।गिल खेल का दिग्गज खिलाड़ी बनने की राह पर हैं और बड़े मंच पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करके वह इस राह पर आगे बढ़ सकते हैं।
हार्दिक पंड्या:बड़ौदा के इस स्टार की क्लास ऑफ 2023 में वही भूमिका होगी जो 1983 में कपिल्स डेविल्स में मोहिंदर अमरनाथ और 2011 में धोनी डाइनामोज में युवराज सिंह की थी।
बीच के ओवरों में बल्लेबाजी से उन्हें शीर्ष और मध्यक्रम के बीच सेतु की भूमिका निभानी होगी। वह ऐसे गेंदबाज होंगे जो उस खिलाड़ी के कवर की भूमिका निभाएंगे जिसका दिन खराब होगा।
अगर पाकिस्तान के मैच को संकेत माने तो पंड्या इस स्तर पर पहुंचने की राह पर हैं। वह स्ट्राइक रोटेट करने में सक्षम हैं और बड़े शॉट भी आसानी से खेल सकते हैं।
इशान किशन:अंतिम 15 में इशान के चयन को लेकर थोड़ा संदेह था लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप मुकाबले में दबाव की स्थिति में 82 रन की शानदार पारी ने उनका पलड़ा भारी कर दिया और चयनकर्ताओं को भी उनके और लोकेश राहुल में से किसी एक को चुनने का मुश्किल फैसला नहीं करना पड़ा।
इशान ने अब तक मिले सीमित मौकों पर शीर्ष और मध्य क्रम दोनों में प्रभावित किया है। बल्लेबाजी क्रम में दाएं हाथ के बल्लेबाजों की भरमार है और अंतिम एकादश में इशान के चयन से बल्लेबाजी क्रम में विविधता आएगी।
सूर्यकुमार यादव:सूर्यकुमार ने अपनी ताकत, नए शॉट और 360 डिग्री पर शॉट खेलने की क्षमता से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आते ही प्रभावित किया। उन्होंने 2021 में 30 साल की उम्र में पदार्पण किया और टी20 में 46.02 के औसत से 1841 रन बना चुके हैं।
एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रारूप में हालांकि उनकी फॉर्म चिंता का विषय है। वह टी20 प्रारूप के अपने दबदबे को 50 ओवर के प्रारूप में दिखाने में नाकाम रहे हैं।
लोकेश राहुल:राहुल को एकदिवसीय विश्व कप से पहले काफी मुकाबले खेलने का मौका नहीं मिलेगा। चोट के कारण महीनों तक खेल से दूर रहने के कारण संभावना है कि वह लय में नहीं होंगे। साथ ही अब तक मिले मौकों पर वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं जिससे टीम प्रबंधन उन पर इशान को तरजीह दे सकता है।हालांकि उनकी तकनीक और क्षमता से उनके आलोचक भी प्रभावित हैं। साथ ही पांचवें नंबर उनका रिकॉर्ड भी शानदार है।
रविंद्र जडेजा:जडेजा पिछले कुछ समय में भारतीय टीम के भरोसेमंद खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने अपनी सटीक और किफायती गेंदबाजी के अलावा अपनी बल्लेबाजी और शानदार क्षेत्ररक्षण से लगातार योगदान दिया है। उन्होंने और महेंद्र सिंह धोनी ने 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में शानदार साझेदारी करके भारत की जीत की उम्मीद बांधी थी।
बाएं हाथ के इस खिलाड़ी का अंतिम एकादश में चयन लगभग तय है। वह कुलदीप यादव के साथ स्पिन विभाग में जिम्मेदारी निभाएंगे और उनकी मौजूदगी से टीम प्रबंधन को बल्लेबाज में बाएं और दाएं हाथ के खिलाड़ियों को खिलाने का विकल्प भी मिलेगा।
श्रेयस अय्यर:अय्यर को भारतीय क्रिकेट के संभवत: सबसे महत्वपूर्ण चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की जिम्मेदारी मिलेगी। उन्हें भी विश्व कप से पहले काफी अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलने का मौका नहीं मिलेगा जिससे मुंबई का यह बल्लेबाज दबाव में होगा।
इस 28 वर्षीय खिलाड़ी ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। प्रभावी फुटवर्क से उन्हें स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ दबदबा बनाने का मौका मिलता है। स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी करना उनका मजबूत पक्ष है। हालांकि विरोधी टीमों को शॉर्ट गेंद के खिलाफ उनकी कमजोरी की जानकारी है जिसका वे फायदा उठा सकती हैं।
जसप्रीत बुमराह:भारत के पास टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण में से एक नहीं है और ऐसे में जसप्रीत बुमराह की भूमिका और अधिक महतवपूर्ण हो जाती है। सर्जरी के बाद इस 29 वर्षीय तेज गेंदबाज ने प्रभावी वापसी की है और टीम नई गेंद तथा डेथ ओवरों में विकेट लेने के लिए उन पर काफी निर्भर करेगी।
भारत अगर बीच के ओवरों में विकेट हासिल करने और रन गति पर लगाम लगाने में विफल रहता है तो रोहित शर्मा बुमराह पर निर्भर रह सकते हैं। इस स्टार तेज गेंदबाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती हालांकि लगातार मुकाबलों में पूरे 10 ओवर गेंदबाजी करना होगी और ऐसे में उनकी तैयारी तथा फिटनेस महत्वपूर्ण होगी।
मोहम्मद शमी:रोहित और कोहली की तरह अमरोहा एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शमी भी संभवत: अपना तीसरा और अंतिम विश्व कप खेल रहे हैं। अगर कौशल की बात करें तो भारतीय टीम में उनका कोई जवाब नहीं है लेकिन अगर एशिया कप को संकेत माने तो उन्हें मौका मिलने की संभावना कम है क्योंकि टीम प्रबंधन बल्लेबाजी में गहराई रखने को तरजीह दे रहा है।
जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और शारदुल ठाकुर के चोटिल होने पर ही शमी को संभवत: एकादश में मौका मिलेगा। हालांकि बल्लेबाजी के अनुकूल विकेट पर कौशल को देखते हुए वह शारदुल जैसे गेंदबाज से कहीं बेहतर हैं।
मोहम्मद सिराज:सिराज टीम में एक अन्य खिलाड़ी हैं जिन्होंने पिछले एक साल में काफी प्रगति की है। शमी और बुमराह की गैरमौजूदगी में कैरेबिया के टेस्ट दौरे पर उन्होंने तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई की और इस भूमिका में छाप छोड़ी।
नई गेंद से स्विंग हासिल करने की क्षमता उन्हें किसी भी टीम के लिए खतरा बनाती है। हालांकि डेथ ओवरों में उनकी गेंदबाजी पर सवालिया निशान है।
इस 29 वर्षीय गेंदबाज ने अब तक अपने एकदिवसीय करियर में शानदार प्रदर्शन करते हुए 26 मैच में 20.69 के औसत से 46 विकेट चटकाए हैं।
कुलदीप यादव:विश्व कप टीम में जगह बनाने का कुलदीप का सफर आसान नहीं रहा है। पिछले साल तक उनका अंतिम एकादश में चयन भी तय नहीं था।
कुलदीप ने हालांकि हार नहीं मानी और श्रीलंका के भारत दौरे पर प्रभावी प्रदर्शन करने के बाद वेस्टइंडीज दौरे पर अपना दावा मजबूत किया।
बाएं हाथ के कलाई के इस स्पिनर के विश्व कप में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है। यह उनका दूसरा विश्व कप होगा। उन्होंने 2019 विश्व कप में युजवेंद्र चहल के साथ प्रभावी स्पिन जोड़ी बनाई थी।
अक्षर पटेल:सीमित ओवरों के क्रिकेट में ऑलराउंडर की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है और अक्षर ने ऑलराउंडर के रूप में खुद को स्थापित किया है। वह बाएं हाथ की अपनी बल्लेबाजी से मैच का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं। बाएं हाथ का यह स्पिनर भारतीय परिस्थितियों में प्रभावी भूमिका निभा सकता है।
शारदुल ठाकुर:मुंबई का यह गेंदबाजी ऑलराउंडर पालघर एक्सप्रेस के नाम से मशहूर है। वह साझेदारियां तोड़ने में सक्षम हैं। जब हालात उनके पक्ष में हों तो शारदुल गेंद को दोनों तरफ स्विंग करा सकते हैं। साथ ही वह हार्ड लेंथ पर गेंदबाजी करने में भी सक्षम है और उनके पास प्रभावी बाउंसर भी है जिससे वह बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं।
वह एकदिवसीय मैचों में अक्सर आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए टीम में महत्वपूर्ण संतुलन लाते हैं और फिटनेस पर ध्यान देकर उन्होंने अपनी क्षेत्ररक्षण क्षमताओं में भी सुधार किया है।