तेज गेंदबाजों ने डुबाई पाक की लुटिया, स्पिनरों और बल्लेबाजों के भी रहे बुरे हाल

Webdunia
बुधवार, 15 नवंबर 2023 (16:00 IST)
बल्लेबाजी में पुरातन रवैया अपनाने, स्पिनरों की नाकामी, विकल्पों के अभाव और चयन में की गई गलतियों के कारण पाकिस्तान को वनडे विश्व कप में लीग चरण से ही बाहर होना पड़ा। विश्व कप से पहले खेले गए एशिया कप से पूर्व पाकिस्तान की टीम वनडे में नंबर एक पर काबिज थी, लेकिन रैंकिंग वास्तविक तस्वीर पेश नहीं करती। एशिया कप में पाकिस्तान की कुछ कमजोरियां खुलकर सामने आई थी लेकिन इसके बावजूद विश्व कप की टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया।

पाकिस्तान फिर से विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहा। वह आखिरी बार 2011 में इस प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंचा था।पाकिस्तान की नाकामी के कुछ कारण रहे जिनमें शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों का लचर प्रदर्शन भी शामिल है। पाकिस्तान ने फखर जमां को अच्छी फार्म में नहीं होने के बावजूद विश्व कप की टीम में रखा था लेकिन नीदरलैंड के खिलाफ टीम के पहले मैच के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया।

इसके बाद इमाम उल हक के साथ अब्दुल्ला शफीक को पारी की शुरुआत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन पाकिस्तान की सलामी जोड़ी के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव रहा। बाद में इमाम की जगह फखर को टीम में शामिल किया गया और उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

पाकिस्तान की बल्लेबाजी का दारोमदार कप्तान बाबर आजम पर टिका था लेकिन वहां अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। पाकिस्तान के चोटी के इन तीन बल्लेबाजों को आक्रामक रवैया अपनाने की जरूरत थी लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए।पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की तकनीकी समिति के प्रमुख मिस्बाह उल हक ने खुलासा किया है कि एशिया कप में शादाब खान और मोहम्मद नवाज के प्रदर्शन के बाद उन्होंने स्पिन विभाग में बदलाव करने की सलाह दी थी।

पाकिस्तान टीम प्रबंधन ने हालांकि टीम में स्थिरता बनाए रखने को प्राथमिकता दी लेकिन उनके मुख्य स्पिनर नहीं चल पाए और इस तरह से चयन संबंधी गलतियां टीम को भारी पड़ी। शादाब और नवाज दोनों ही पूरे टूर्नामेंट में दो-दो विकेट ले पाए। टूर्नामेंट के बीच में उस्मा मीर को मौका दिया गया लेकिन दबाव में वह भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए।

तेज गेंदबाजी को पाकिस्तान का मजबूत पक्ष माना जाता रहा है। उसके पास शाहीन अफरीदी, नसीम शाह और हारिस रऊफ जैसे तेज गेंदबाज हैं। नसीम हालांकि चोटिल होने के कारण विश्व कप में नहीं खेल पाए और पाकिस्तान को पूरे टूर्नामेंट में उनकी कमी खली।

अफरीदी ने 9 मैच में 18 विकेट लिए लेकिन कोई भी अन्य तेज गेंदबाज उनके अच्छा साथ नहीं दे पाया। अफरीदी के साथ अधिकतर मैचों में हसन अली ने नई गेंद संभाली लेकिन वह बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में नाकाम रहे जबकि रऊफ का अपनी गेंदों पर नियंत्रण नहीं रहा। (भाषा)<>

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

INDvsNZ सीरीज के बाद इन 4 में से 2 सीनियर खिलाड़ियों हमेशा के लिए होंगे ड्रॉप

पहले 68 साल में सिर्फ 2 टेस्ट तो भारत में इस सीरीज के 10 दिनों में 3 टेस्ट मैच जीती न्यूजीलैंड

IPL को रणजी के ऊपर तरजीह देने के कारण ROKO हुए बर्बाद, सचिन गांगुली नहीं करते ऐसी गलती

श्रीलंका और भारत में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गंभीर पर उठ रहे सवाल

टेस्ट इतिहास का सबसे अनचाहा रिकॉर्ड बनने पर रोहित शर्मा बोले यह सबसे खराब दौर

सभी देखें

नवीनतम

पाकिस्तान ने Under19 एशिया कप में भारत को हराया, सूर्यवंशी ने किया निराश

IND vs AUS : पूर्व तेज गेंदबाज की टीम को सलाह कहा, लाबुशेन को दूसरे टेस्ट करो बाहर

IND vs AUS : जडेजा-अश्विन ऐसे खिलाड़ी हैं जो टीम की जरुरत के साथ खुद को ढालना जानते हैं

ENG vs NZ : क्राइस्टचर्च टेस्ट इंग्लैंड की गिरफ्त में, जीत के लिए 4 विकेट की दरकार

अकेले ही पाक को भारत के खिलाफ 281 तक ले गया 150 रन जड़ने वाला यह बल्लेबाज

अगला लेख