cyber crime: नई दिल्ली। राजधानी में एक फ्रीलांस पत्रकार (freelance journalist) ने दावा किया है कि एक व्यक्ति ने फोन पर उन्हें सम्मोहित किया और 40,000 रुपए का चूना लगा दिया, वहीं पुलिस और विशेषज्ञों (police and experts) का कहना है कि यह साइबर धोखाधड़ी के सामान्य तरीकों में से एक है और किसी तरह के सम्मोहन (hypnosis) का मामला नहीं है।
रमेश कुमार राजा (40) ने 25 अप्रैल को दिल्ली पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई थी और कथित अपराध का ब्योरा दिया। उन्होंने कहा कि फोन करने वाले ने परिचित होने का आभास कराया और मुझे सम्मोहित कर लिया। फिर उसने मेरे बैंक खाते से पेटीएम यूपीआई के माध्यम से 20-20 हजार रुपए 2 बार में धोखाधड़ी से हस्तांतरित करा लिए।
राजा ने दावा किया कि उन्हें 7 मार्च को किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन आया था, जो बड़ी विनम्रता से और दोस्ताना अंदाज में बात कर रहा था। उन्होंने कहा कि मैंने उस व्यक्ति से कहा कि मैं उसे नहीं जानता। तब उसने विनम्रता से कहा कि अंदाज लगाओ, मैं कौन हूं? तुम मुझे कैसे भूल सकते हो? मुझे उसकी आवाज मेरे एक डॉक्टर मित्र जैसी लगी तो मैंने उससे पूछा कि क्या वही मित्र बात कर रहा है तो उसने कहा कि हां, तुमने सही पहचाना।
राजा ने कहा कि कुछ समय तक इस तरह बातचीत के सिलसिले के बाद उसने परिवार और सेहत जैसी आम बातें कीं। उन्होंने कहा कि फोन करने वाले के अंदाज से उस पर कोई संदेह नहीं हुआ। राजा ने कहा कि इसी दौरान उन्हें लगा कि वे अपनी तर्कशक्ति खो चुके हैं और उस व्यक्ति के निर्देशों का पालन करने लगे।
उन्होंने बताया कि इस तरह धीरे-धीरे अज्ञात आरोपी ने उनसे पैसे अपने खाते में डलवा लिए। राजा को बाद में समझ आया कि वह साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गए हैं। हालांकि सम्मोहन की कला से जुड़े कुछ जानकारों ने बताया कि इस घटना का सम्मोहन से कोई लेना-देना नहीं है। साइबर विशेषज्ञों ने कहा कि यह नए किस्म का अपराध है जिसमें अपराधी लोगों से दोस्ताना तरीके से बात कर ठगने का प्रयास करता है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta