लखनऊ। उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के 4 साल पूरे हो चुके हैं और उत्तरप्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर आए दिन विपक्ष सवाल भी खड़े करता रहता है। लेकिन अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो योगी सरकार के 4 वर्षों में सबसे ज्यादा अपराधियों को पुलिस मुठभेड़ में मारा है। इसमें 2017 से लेकर 2020 तक लगभग 135 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए और वहीं अगर 2021 के ढाई महीने पर नजर डालें तो पुलिस मुठभेड़ में 6 अपराधी ढेर हो चुके हैं।
2018 में मारे गए सबसे ज्यादा अपराधी : अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे योगी सरकार के अभियान के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2017 में 28 अपराधी मारे गए, 2018 में 41 अपराधी मारे गए, 2019 में 34 अपराधी मारे गए, 2020 में 26 अपराधी मारे गए हैं। सबसे खास बात यह देखने को मिली कि इनमें 111 ऐसे अपराधी थे जिनके ऊपर पुलिस की तरफ से इनाम भी घोषित किया गया था।
इनामी अपराधी में सबसे ऊपर था विकास : योगी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में इनामी बदमाशों के लिए ये 4 साल मौत का काल बनकर आए और इन 4 सालों के अंदर सबसे ज्यादा इनामी अपराधी मुठभेड़ में मारे गए। इनाम की राशि पर अगर नजर डालें तो सबसे ज्यादा 5 लाख इनाम की राशि बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के ऊपर रखी गई थी और इससे अधिक इनाम की राशि किसी भी अपराधी के ऊपर नहीं थी जिसे पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके बाद अगर नजर डालें तो 1.50 लाख के इनामी 3 बदमाश, 1 लाख के इनामी 18 बदमाश, 2 लाख के इनामी 2 बदमाश, 25 हजार के इनामी 20 बदमाश, 15 हजार के इनामी 11 बदमाश, 75 हजार का इनामी 1 बदमाश, 50 हजार के इनामी 46 बदमाश, 12 हजार के इनामी 4 बदमाश तथा 5 हजार का इनामी 1 बदमाश भी पुलिस की गोली से ढेर हुआ। पूरे प्रदेश में मुठभेड़ के मामले में मेरठ नंबर 1 पर रहा, जहां सर्वाधिक 18 बदमाश मुठभेड़ में ढेर किए गए।
क्या बोले नेताजी? : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह दद्दा ने बताया कि योगी सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को चेतावनी दे दी थी कि वे अपराध करना छोड़ दें या फिर यूपी छोड़ दें। उन्होंने इस बात को साबित करके दिखाया है और 4 साल के कार्यकाल में या तो अपराधी जेल में है या फिर एनकाउंटर में मारा जा चुका है। योगी सरकार पर विपक्ष कितने भी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर ले लेकिन जितनी सख्त कानून व्यवस्था योगी सरकार में चल रही है, इतनी सख्त कानून व्यवस्था अन्य किसी सरकारों में नहीं रही है।