आम लोगों को यह भी शिकायत है कि जहां कही शरणार्थियों को ठहराया जाता है, वहां गंदगी, शोर-शराबा और जर्मन लड़कियों तथा महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ और बलात्कार की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं।
''यूरोप वाले एक दिन पछताएंगे कि वे अपने ही महाद्वीप पर अल्पमत हो गए हैं।''
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के अनुसार, यूरोपीय संघ में अकेले सीरिया (38%), अफ़ग़ानिस्तान (12%) और पाकिस्तान (9%) के शरणार्थियों की संख्या ग़रीबी, अराजकता और कबीलाई कलह के लिए बदनाम अफ्रीकी देशों के शरणार्थियों से भी अधिक है। यूरोप आ रहे 92% शरर्णार्थी मुसलमान हैं।