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POK हासिल करने के लिए भारत को करना होंगे 4 कार्य

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WD Feature Desk

, सोमवार, 2 जून 2025 (13:37 IST)
How to get POK: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि अब पाकिस्तान से बात होगी तो POK और आतंकवाद पर ही बात होगी। पाकिस्तान को जल्द ही पीओके खाली करना होगा। पीओके को भारत में शामिल करने के दो ही रास्ते हैं- पहला पाकिस्तान से बातचीत के जरिये यह क्षेत्र खाली कराया जाए जो कि संभव नहीं नजर आता तब दूसरा रास्ता युद्ध ही बच जाता है। हालांकि युद्ध भी आसान नहीं है क्योंकि यह अंतिम विकल्प है। युद्ध के पहले करना होंगे 4 कार्य।
 
POK हासिल करने में कई सैन्य चुनौतियों के साथ ही, बाहरी और आतंरित आतंकवाद, स्लिपल सेल्स, जासूस, अंतरराष्ट्रीय दबाव, यूएन और चीन का दखल, स्थानीय अस्थिरता, मिश्रित समर्थन, कूटनीति और आर्थिक प्रभाव, व्यापार और निवेश में गिरावट, राजनीतिक और कानूनी बाधाओं सहित कई चुनौतियां हैं। इन सभी से निपटने के लिए भारत को रणनीतिक और योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ना होगा। 
 
1. पीओके की जनता का समर्थन: भारत को इसके लिए POK की जनता को अपने विश्वास में लेने के लिए उन्हें यह बताना होगा कि उनका भविष्य एक संयुक्त और पूर्ण कश्मीर के साथ ही सुरक्षित और उज्जवल है। यह आपकी गरीबी और गुरबत के दिन न केवल दूर करेगा बल्कि आपको आजादी से जीने का अधिकार भी देगा। भारत को अपने इस रुख को स्थानीय भाषाओं में प्रचारित करना होगा। POK का कश्मीर से एकीकृत होने के पहले ही पुनर्निर्माण के लिए विशेष आर्थिक पैकेज को घोषित और प्रचारित करना जरूरी है। इसमें आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के लिए विस्तृत नीति को पहले से ही POK के लोगों के बीच प्रचारित और प्रसारित करना चाहिए।
 
2. आंतरिक रणनीति: जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास को गति देना। वहां के पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ देना और उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ ही उनके उज्जवल भविष्य को लेकर अपने उद्देश्यों को प्रचारित करना। पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा से उन्हें अवगत कराना। जम्मू और कश्मीर के युवाओं को रोजगार और शिक्षा के अवसर प्रदान कर कट्टरपंथ को रोकना। खेल को बढ़ावा देने। देश के अन्य भागों में यात्रा कराना और देश के अन्य लोगों के बीच कश्मीरियों के प्रति विश्‍वास को बढ़ाना। पूरे देश में जासूसी के नेटवर्क और घुसपैठियों की पहचान करके उन्हें ठिकाने लगाना।
 
3. अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक रणनीति: इसके लिए POK में मानवाधिकार उल्लंघनों का दस्तावेजीकरण करके उसका प्रचार करने के साथ ही यह भी कि POK भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है जिसे पाकिस्तान ने कब्जे में लेकर इसे आतंकवाद का ट्रेंनिंग सेंटर बना रखा है। इसी के साथ ही चीन को अलग थलग करने के लिए उसकी मंशा और उसके कार्य को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष उजागर करना। CPEC पर वैध आपत्ति दर्ज कराना और चीन को गिफ्ट में मिले क्षेत्र पर अपने दावे को मजबूत करना। इस सभी मुद्दों को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष मजबूत करना जरूरी है। जैसे UN, G20, SCO, BRICS आदि जगहों पर इन मुद्दों को सबूत और तथ्यों के साथ प्रस्तुत करना। अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ, और मुस्लिम देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से अपने पक्ष को रखना। POK में हो रहे अत्याचारों को उजागर करना (वीडियो, रिपोर्ट्स, साक्ष्य)। विश्व मीडिया को स्वतंत्र रिपोर्टिंग की अनुमति देने की मांग करना।
 
4. सैन्य कार्रवाई की तैयारी: भारत को पूर्ण युद्ध की तैयारी के साथ ही पीओके पर सैन्य कार्रवाई की तैयारी करना होगी। इसके लिए उसके पास सबसे पहले बलूचिस्तान को अलग करने और पख्तूनों एवं अफगानिस्तान का समर्थन हासिल करने का विस्तृत प्लान होना जरूरी है। कम से कम 1 वर्ष से 2 वर्ष के युद्ध की पूर्ण तैयारी जरूरी है। इसके बाद पीओके में घुसने के लिए पंजाब के रास्ते के प्लान पर भी काम करना चाहिए। भारतीय थल सेना पंजाब के रास्ते आसानी से पीओके में दाखिल हो सकती है। हालांकि जम्मू-कश्मीर के अलावा लद्दाख के मार्ग को हवाई हमले के लिए उपयोग में लिया जा सकता है। सैन्य कार्रवाई में आधुनिक तकनीक का उपयोग ज्यादा से ज्यादा किया जाना चाहिए। पहले की अपक्षे 10 गुना ज्यादा सैन्य साजो सामान होना जरूरी है। गुप्‍त ठिकानों की संख्या बढ़ना भी अत्यावश्यक है।
 
भारतीय सेना को बांग्लादेशी फ्रंट और चीन की सीमा पर भी अपनी तैनाती को पहले से ही बढाकर रखना होगा। इसी के साथ ही इसका प्लान भी तैयार रखना होगा कि यदि बांग्लादेश से किसी भी प्रकार की सैन्य या आतंकी कार्रवाई होती है तो उससे कैसे निपटा जाए। युद्ध में एक बार उतरने के बाद पीछे पलटकर देखने की जरूरत नहीं। फेंक जहाँ तक भाला जाए और जो लड़ सका वही तो महान है। जब किसी समस्या का समाधान टेबल पर नहीं हो तो मैदान पकड़ना जरूरी है।

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