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मुंबई में क्यों आया जल प्रलय? जानिए क्यों बनी बादल फटने जैसी स्थिति

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WD Feature Desk

, मंगलवार, 19 अगस्त 2025 (16:45 IST)
reason for rain in mumbai: मुंबई, जिसे सपनों का शहर कहा जाता है, मानसून के दौरान अपनी तेज बारिश के लिए जाना जाता है। लेकिन 15 अगस्त की शाम से हो रही बारिश ने लोगों को हैरान कर दिया है। यह सिर्फ सामान्य मानसूनी बारिश नहीं है, बल्कि यह एक जल प्रलय जैसा अनुभव करा रही है। तो आखिर इसके पीछे क्या कारण हैं? आइए जानते हैं।

नमी लाने वाले दो सिस्टम का असर
मुंबई में इस असाधारण बारिश का मुख्य कारण दो अलग-अलग मौसम प्रणालियों का एक साथ काम करना है।
1. बंगाल की खाड़ी का निम्न दबाव क्षेत्र: बंगाल की खाड़ी में बना एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low-Pressure Area) लगातार बड़ी मात्रा में नमी खींच रहा है।
2. अरब सागर पर पूर्व-पश्चिम द्रोणिका: इसके साथ ही, अरब सागर पर बनी एक ईस्ट-वेस्ट ट्रफ (East-West Trough) भी नमी को मुंबई की ओर ला रही है।
इन दोनों प्रणालियों के संगम से हवा में नमी की मात्रा बहुत अधिक बढ़ गई है, जिसके परिणामस्वरूप लगातार और बेहद तेज बारिश हो रही है। यही कारण है कि यह बारिश सामान्य मानसून की तरह रुक-रुककर नहीं हो रही, बल्कि कई दिनों तक बिना रुके बरस रही है।

सामान्य बारिश और बादल फटने जैसी बारिश में अंतर
सामान्य मानसूनी बारिश अक्सर रुक-रुककर होती है और पूरे दिन या कुछ घंटों तक चलती है। यह पूरे क्षेत्र में समान रूप से होती है। लेकिन मुंबई में हो रही बारिश का स्वरूप अलग है।
अत्यधिक तीव्रता: यह बहुत कम समय में अत्यधिक मात्रा में हो रही है। कुछ क्षेत्रों में तो 24 घंटों में 200 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
स्थानिक प्रकृति: यह बारिश पूरे शहर में समान नहीं है, बल्कि कुछ खास इलाकों में इसकी तीव्रता बहुत अधिक है, जिससे वहां पानी भर जाता है।
"बादल फटने" जैसा अनुभव: हालांकि यह तकनीकी रूप से बादल फटना (cloudburst) नहीं है (जो प्रति घंटे 100 मिमी से अधिक बारिश होने पर होता है, खासकर पहाड़ी इलाकों में), इसकी तीव्रता इतनी अधिक है कि यह एक बादल फटने जैसा ही महसूस होता है।

मुंबई की बारिश और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
वैज्ञानिकों और मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की अत्यधिक और अनियंत्रित बारिश की घटनाओं का सीधा संबंध जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से है।
गर्म होते महासागर: बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण महासागरों की सतह गर्म हो रही है, जिससे हवा में नमी सोखने की क्षमता बढ़ जाती है।
तीव्र और लगातार बारिश: यह अतिरिक्त नमी जब हवा में मिलती है, तो वह भारी और लगातार बारिश का कारण बनती है।
शहरों पर खतरा: मुंबई जैसे तटीय शहर, जो पहले से ही जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं, जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले खतरों के प्रति और भी अधिक संवेदनशील हो गए हैं।
यह बारिश न केवल शहर के बुनियादी ढांचे को चुनौती दे रही है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि हमें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को गंभीरता से लेने और बेहतर शहरी नियोजन की आवश्यकता है।
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