दोस्त और दोस्ती की कुछ भीगी यादें

इस बार फ्रैंड्स ब्लॉग की चर्चा

रवींद्र व्यास
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एक नया ब्लॉग है फ्रैंड्स। नाम से ही जाहिर है कि यह दोस्तों और दोस्ती पर आधारित एक ब्लॉग है। इसके ब्लॉगर हैं आमिर खान तन्मय। इसका मास्ट हैड भी उन्होंने खूबसूरत ढंग से बनाया है। इस पर उनके साथ ही उनके दोस्तों के फोटो चस्पाँ किए हुए हैं।

इनमें वे अपने दोस्तों के मौज-मस्ती और मजा करते देखे जा सकते हैं। हैड बताता है कि उनके लिए दोस्तो ं व दोस्ती के क्या मायने हैं। उनके जीवन में दोस्तों और उनकी यादों की बहुत अहमियत है। इसी हैड पर उन्होंने एक दिलचस्प कोट भी लगा रखा है- फ्रैंड्स आर बॉर्न, नॉट मेड।

उनकी तमाम पोस्ट दोस्तों और दोस्ती के इर्दगिर्द है। दोस्तों के बीच हुई बातों को लेकर भी उन्होंने कुछ अच्छी पोस्टें लिखी हैं। कॉलेज के दिनों को याद करती चीजें भी हैं और जाहिर है कॉलेज की बातें हैं तो प्रेम की बातें भी होंगी। आमिर ने अपने इस ब्लॉग पर कुछ कविताएँ भी पोस्ट की हैं। ये कविताएँ एक भावुक मन की कविताएँ हैं। इनमें उनके कुछ भीगे से अहसास हैं, गीली सी यादें हैं।

अपनी एक पोस्ट में वे दोस्तों के हँसने-रूलाने और कभी कॉफी तो कभी मैगी बनाने की यादें शेयर करते हैं। ये यादें कविता में फूट पड़ी हैं। छोटी-छोटी कविताओं में छोटे-छोटे अनुभवों की बातें हैं। ये बातें सीधी और सरल बातें हैं। इनमें अपने मन की बात कह भर देने की कोशिश है। इसमें कोई भारी भरकम प्रतीक योजना या बिम्ब विधान नहीं है।

बस जिंदगी के कुछ नम लम्हों को प्यारी सी भाषा में कह भर देने का प्रयास है। जैसे काश शीर्षक की प्रेम कविता पढ़ी जा सकती है। इसमें वे लिखते हैं कि-

काश हम उनसे न मिले होते,
तो यह दुःख यह दर्द हमने सहे न होते।

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इसके बाद उन्होंने धड़कन, फिदा और मैं और मेरी बेबसी जैसी भावुक कविताएँ पोस्ट की हैं। लेकिन यहाँ सिर्फ कविताएँ ही नहीं हैं , इन कविताओं के साथ कविता के भावों से मिलते-जुलते कुछ ब्लैक एन व्हाइट विजुअल्स भी हैं। इनका इस्तेमाल कल्पनाशीलता से किया गया है। उदाहरण के लिए चाहत कविता के साथ एक खिड़की पर अँगुली से दिल का प्यारा सा आकार का फोटो लगाया गया है। इसी तरह बेबसी कविता के साथ भी इस भाव को अभिव्यक्त करता फोटो है।

जज्बात कविता के साथ पलकों पर रूके आँसू की एक बूँद का बहुत ही मार्मिक फोटो लगाया गया है।

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कविता के साथ ही धर्म को लेकर एक बहुत ही अच्छी पोस्ट है। इसमें वे इस्लाम औऱ मुस्लिम पर बात करते हुए धर्म के मूल भाव को पकड़ने की कोशिश करते हैं और धर्म के आंडबर पर चोट भी करते हैं। वे कहते हैं कि अंततः धर्म सिर्फ रास्ते हैं ईश्वर तक पहुँचने के।

इसके अलावा उन्होंने साठ और सत्तर के दशक के एक मशहूर कॉमेडियन जॉर्ज कारलिन एक बहुत ही प्रेरणास्पद और मार्मिक लेख भी लगाया है। इसमें कारलिन हमारे आधुनिक समय और आधुनिक समाज की विसंगतियों और विषमताओं का जिक्र करते हैं और यह याद दिलाने की कोशिश करते हैं कि जिंदगी के क्या महत्वपूर्ण है और और उसके क्या मायने हैं। ये बातें दिल से निकली हैं और सीधे दिल में उतरती हैं। इस ब्लॉग को पढ़ा जाना चाहिए। ये रहा इसका पता-

megageniusak.blogspot.com

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