पाठकों के पत्र (प्रतिक्रियाएँ)

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वेबदुनिया की नई सज-धज के साथ आपका प्रिय स्‍तंभ 'पाठकों के पत्र' भी एक बार फिर नए रूप-रंग में प्रस्‍तुत है। इसके माध्‍यम से आप अपनी प्रतिक्रियाएँ प्रेषित कर सकते हैं, जिन्‍हें हम साप्‍ताहिक रूप से प्रकाशित करेंगे। आप न्‍यूनतम 50 और अधिकतम 100 शब्‍दों में अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त कर सकते हैं ।- संपादक

जब से मैंने वेबदुनिया पढ़ना शुरू किया है, तब से यह मेरी दिनचर्या का हिस्‍सा बन गया है। मैं आपको कोई सुझाव तो नहीं, लेकिन ढेर सारी शुभकामनाएँ जरूर दे सकता हूँ। वेबदुनिया दिनोंदिन और प्रगति करे और ज्‍यादा-से-ज्‍यादा लोग इस वेबसाइट पर आएँ, और इस तरह ज्‍यादा-से-ज्‍यादा लोगों तक हिंदी का प्रसार हो।

राजन ( rajan_kwt@hotmail.com)


वेबदुनिया का पर्यटन विभाग बहुत सारी उपयोगी और महत्‍वपूर्ण जानकारियों से परिपूर्ण है। लेकिन अगर आप लेख के साथ-साथ फोटो और मानचित्र भी दें, तो इससे पाठकों को और सुविधा होगी। नए प्रारूप के लिए बहुत-बहुत बधाइयाँ।

अनिता कुमार ( ani_197078@webdunia.com)


मुझे वेबदुनिया का पुराना रूप बहुत पसंद था। उसमें साँई बाबा का फोटो था। उनकी मैं रोज पूजा करता था। कृपया इस परिवर्तित रूप में भी वो पुरानी चीजें दें।

अनुपम ( anupam@hrd.bhel.co.in)


वेबदुनिया का नया रंग-रूप बहुत अच्‍छा है, लेकिन बहुत सारी चीजें बदल गई हैं। नाटक वाला कॉलम भी आपने हटा दिया है। मुझे वह कॉलम बहुत पसंद था।

शमीम आलम खान ( shameemalamkhan@yahoo.co.in)



सर्वप्रथम हिंदी पोर्टल, और सबसे पहली हिंदी ई-मेल सेवा की इस नई सज-धज और नए बदले हुए रंग-रूप पर मेरी ओर से ढेरों बधाइयाँ। वेबदुनिया का पहले वाला रूप कुछ पारंपरिक किस्‍म का लगता था। लेकिन यह नया रूप भी कम लुभावना नहीं है। मन को परिवर्तन तो अच्‍छा लगता है, लेकिन पुराने का मोह भी आसानी से छूटता नहीं है। आपको ढेरों-ढेर बधाईयाँ।

आर.एस. गुप्‍ता ( rsgupta@webdunia.com)

वेबदुनिया का यह नया बदला हुआ अंदाज़ अच्छा लगा। आप रोजगार से संबंधित सूचनाओं को भी अवश्‍य प्रकाशित करें। मैं आपके पोर्टल और ऐसी सूचनाओं का नियमित पाटक हूँ

सुधीर तेलंग ( sudhir_telang@webdunia.com)


मैं सन् 2003 से आपकी वेबसाइट का नियमित पाठक हूँ। आपके वेबदुनिया और पर्यटन वाले सेक्‍शन में ज्‍यादा परिवर्तन नहीं होते और पर्यटन में ये जानकारी भी नहीं है कि किसी जगह पर कैसे पहुँचा जा सकता है। इन जानकारियों के बगैर यह अधूरा है। कृपया इस बारे में भी उपयोगी जानकारी दें।

नीतेश एरॉन ( aeron_niteesh@yahoo.com)


मेरा नाम राज है और मैं जमशेदपुर से आपको यह खत लिख रहा हूँ। पिछले एक वर्ष से मैं वेबदुनिया का नियमित पाठक हूँ। वेबदुनिया में सेहत नामक कॉलम में पहले स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी ढेरों सूचनाएँ हुआ करती थीं। आयुर्वेद पर भी ढेर सारी जानकारी थी। लेकिन अब सेहत के कॉलम में ये सारी जानकारियाँ नहीं हैं। आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया यह समस्‍त जानकारियाँ पुन: प्रकाशित करें।

राज ( raj_ukindia@yahoo.co m)


आप लोग बहुत ही प्रशंसनीय काम कर रहे हैं। भारतीय भाषाओं के माध्‍यम से आप लोगों को आपस में जोड़ने का काम कर रहे हैं। एक सुझाव है कि आप और बड़े पैमाने पर राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के समाचार अपने पोर्टल पर प्रकाशित करें। वैसे आपका प्रयास सचमुच ही बहुत सराहनीय है।

वंदना परीक ( g_pareek@yahoo.com)


हमारे समय की फिल्में पुराने समय के जैसी नहीं रहीं। यह भारत का प्रतिनिधित्‍व नहीं करतीं। पुरानी फिल्‍मों में ही भारतीयता की झलक मिलती है। इतने अच्‍छे लेख के लिए ढेरों बधाइयाँ। वेबदुनिया बहुत ही महत्‍वपूर्ण काम कर रहा है ।

सुधाकर मिश्रा ( sudhakar_mishra@webdunia.co m)


डिंपल के जैसा कोई नहीं है। 50 के पार भी उनकी खूबसूरती कायम है और उनकी अदाकारी तो लाजवाब है। उनके जन्‍मदिन पर इस विशेष आयोजन के लिए आपको ढेरों बधाइयाँ। वेबदुनिया का नया रंग-रूप भी काबिल-ए-तारीफ है।

मुकेश ( mukeshm00@yahoo.co m)

वेबदुनिया और साथ ही बहस वाला कॉलम अत्यधिक मनमोहक और सुंदर हो गये हैं । मैंने आपके आलेखों पर अपने विचार प्रेषित किए हैं। आशा है, भविष्‍य में और भी बेहतरीन सामग्री वेबदुनिया पर मिल सकेगी। आपको ट्रक भरक र लाखों-लाख बधाइयाँ और समस्त शुभकामनाएँ।

- धनराज वाधवानी ( DWadhwani@webdunia.co m)

संपादक जी,
वेबदुनिया दिनोंदिन बेहतरीन होता जा रहा है। आज तो अजातशत्रु के लेख की लिंक ने मालामाल ही कर दिया. साहिर साहब पर मैंने हाल ही में एक टिप्पणी भेजी थी और आज ही साहिर के गीत ‘तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमक ो ’ पर अजातशत्रु जी को पढ़ने का मौका मिला। आपको और वेबदुनिया परिवार को ढेर सारी बधाइयाँ। यदि समय और आपकी सहमति रही तो वेबदुनिया के लिये लिखना चाहूँगा ।
अशेष शुभ-भाव।

संज य ( sanjaypatel1961@gmail.co m)


आपने हिंदी यूनीकोड में वेबदुनिया को परिवर्तित करके बहुत ही सार्थक और सराहनीय काम किया है। पूरे वेबदुनिया परिवार को मेरी ओर से ढेरों बधाइयाँ। आशा है, आप भविष्‍य में इसमें और भी अच्‍छे-अच्‍छे परिवर्तन करेंगे।

एस.बी. ठाकर ( sbthakar@gmail.com)


नया रंग-रूप बहुत ही लाजवाब और खूबसूरत लग रहा है।

हिम्‍मत सिंह भाटी ( himmat_40@yahoo.co.in)


वेबदुनिया को नया प्रारूप देने के लिए बहुत सारी शुभकामनाएँ। हिंदी का फॉन्‍ट इस बार के बजाय पहले वाला ही शायद अधिक बेहतर था। इस बार का शायद थोड़ा छोटा हो गया है। क्‍या आप फान्‍ट का आकार कुछ बड़ा कर सकते हैं। वैसे यह परिवर्तन सचमुच सराहनीय है।

ऊषा ओझा ( usha_ojha@yahoo.com)


वेबदुनिया का नया-नवेला रूप बहुत मनभावन है। एक सुझाव मेरी ओर से। अजातशत्रु फिल्म संगीत पर पढे जाने वाले देश के सबसे चर्चित लेखक हैँ. नईदुनिया के गीत-गंगा स्तंभ को बहुत सराहा गया है। मेरा सुझाव यह है कि नौजवान पाठक इंटरनेट पर बहुत समय बिताता है. वेबदुनिया को अजातशत्रु के गीत-गंगा शीर्षक वाले कॉलम को पोर्टल पर भी लाना चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि इससे एक बडा पाठक वर्ग आकर्षित होगा। एक बार फिर आपको नये कलेवर के लिये बधाई। साधुवाद।

संजय पटेल ( sanjaypatel1961@gmail.com)


एक अपनापन-सा हो जाता है किसी स्वरूप के साथ। दरअसल हम पुराना रूप भी मिस कर रहे हैं। लेकिन इस नए पर भी आपको ढेरों बधाई। वेबदुनिया के नये रूप-रंग में आपकी सोच और आपका समर्पण दिख रहा है। इस उत्साह और रचनात्मकता के संगम पर आपको बधाइयाँ।

अशोक व्‍यास ( Punditvyas@Yahoo.com)


वेबदुनिया का मोहक पेज मेकअप देखकर मन प्रसन्न हो गया। आपका प्रथम प्रयास भी प्रशंसा के योग्य था। जब इंटरनेट पर हिंदी व अन्य भाषाओं में कुछ भी नहीं था, तब आपने भारतीयों के मन में आशा की किरण का संचार किया था. आपके पूरे संगठन को लाख-लाख बधाई. समस्त पाठकों को भी बधाई.

डॉ. मोहन गुप्‍ता ( mohan_kumar4@webdunia.com)


मुझे वेबदुनिया का यह नया रूप-रंग बहुत पसंद आया। जब वेबदुनिया की शुरुआत हुई थी, तभी से मैं इसका नियमित पाठक हूँ। आप इसे और भी सुंदर-सजीला बनाएँ और पाठकों के बीच वेबदुनिया की लोकप्रियता और बढ़े। इन्‍हीं शुभकामनाओं के साथ ।

अविनाश सूर्यवंशी


बेवदुनिया का यह नया संस्‍करण बहुत ही अच्‍छा और सुंदर है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस नई शुरुआत पर मेरी ओर से ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएँ स्‍वीकार कीजिए। नए संस्‍करण में से शायद चैट हटा दिया गया है। आप उसे फिर से शुरू करें।

राजेश तिवारी


वेबदुनिया का यह नया प्रारूप बहुत अच्‍छा है। लेकिन मुझे इसमें नईदुनिया की विशेष खबरें, इंदौर, मध्‍य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों की स्‍थानीय खबरें नहीं मिल पाती हैं। बहुत अच्‍छा होगा, यदि आप और अधिक मात्रा में स्‍थानीय खबरें भी दें ।

अन्‍नदा

आप लोगों का काम सचमुच बहुत शानदार है। वेबदुनिया के इस नवीन कायाकल्‍प पर मेरी ओर से ढेर सारी बधाइयाँ स्‍वीकार करें। लेकिन आपको अपनी वेबसाइट पर और काम करने की जरूरत है। बधाइयों के साथ एक शिकायत भी थी कि मेरा ई-पत्र वाला अकाउंट ठीक से काम नहीं करता है। कृपया उसका भी समाधान करें।

दीप्ति पटेल


आपका हिंदी का फॉन्‍ट पहले से खराब है। इसे पढ़ने में बहुत दिक्‍कत आ रही है। इसके पहले वाला फॉन्‍ट ज्‍यादा बेहतर था। उसे आसानी से पढ़ा जा सकता था। पहले वेबदुनिया और नईदुनिया बाजार के अन्‍य पोर्टलों के मुकाबले ज्‍यादा पठनीय था। कृपया इस फॉन्‍ट को बदलकर कोई दूसरा फॉन्‍ट इस्‍तेमाल करें ।

संदीप फडके

वेबदुनिया का यह परिवर्तन बहुत ही सुखद है। लेकिन शायद फॉन्‍ट का आकार कुछ छोटा है। इस वजह से इसे पढ़ने में भी दिक्‍कत आ रही है। कृपया इसका आकार थोड़ा बड़ा करें। जैसेकि मनोरमाऑनलाइन या मलयालम सिफि वाले देते हैं। मैं तीस वर्षीय हूँ और तब भी आसानी से पढ़ नहीं पा रहा हूँ। कृपया मेरे सुझाव पर विचार करें।

विनो द

वेबदुनिया का यह नया रंग-रूप बहुत पसंद आया। कृपया आप अपने पोर्टल पर कमोडिटी न्‍यूज और उससे जुड़ी रिपोर्ट भी दें। धन्‍यवाद।

हरजीत सिंह

आप लोग बहुत प्रशंसनीय काम कर रहे हैं। भारतीय भाषाओं के माध्‍यम से आप लोगों को आपस में जोड़ने का काम कर रहे हैं। एक सुझाव है कि आप और बड़े पैमाने पर राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर के समाचार अपने पोर्टल पर प्रकाशित करें। वैसे आपका प्रयास सचमुच ही बहुत सराहनीय है।

नसीर हाशमी


मैं वेबदुनिया का नियमित पाठक हूँ। पिछले दो दिनों से मैं काफी परेशान था क्‍योंकि मैं आपकी साइट नहीं देख पा रहा था। लेकिन जब आज मैंने आपकी साइट देखी और तो मेरे आश्‍चर्य और प्रसन्‍नता का ठिकाना नहीं रहा। वेबदुनिया का नया रूप-रंग बहुत अच्‍छा है। मेरी शुभकामनाएँ। आप ऐसे ही प्रगति करते रहें ।

गिरीश परी क

वेबदुनिया के नए संस्‍करण पर मेरी ओर से ढेरों बधाइयाँ। कृपया पुराने वेबदुनिया में जो तंत्र-मंत्र था, वह अब उसी रूप में नजर नहीं आ रहा है। कृपया उसे भी देने का कष्‍ट करें। मुझे बहुत असुविधा हो रही है ।

राकेश तिवार ी

प्रिय संपादक महोदय,
मुझे आपकी साइट वेबदुनिया बहुत पसंद है और मैं इसकी नियमित पाठिका हूँ। वेबदुनिया का नया रूप बहुत अच्‍छा है। मुझे बहुत खुशी हो रही है। इसके लिए आपको ढेरों बधाइयाँ और धन्‍यवाद भी।

शुभलता जै न

वेबदुनिया का यह नया लुक अच्‍छा है, पर पता नहीं क्‍यूँ, मुझे यह बहुत ज्‍यादा पसंद नहीं आया। यह बहुत धीमे चलता है। मेरे ख्‍याल से शायद पहले वाला लुक ही ज्‍यादा अच्‍छा था।

सतीश

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