दिल्ली चुनाव 2015 : 10 रोचक मुकाबले

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- वेबदुनिया चुनाव डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार दो 'के' के बीच कुर्सी के लिए जंग होगी। हालांकि तीसरा 'के' भी खुद को इस मुकाबले में मान रहा है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में वह इस मुकाबले में तीसरे स्थान पर ही है। पहला 'के' यानी अरविंद केजरीवाल। 49 दिन की आम आदमी पार्टी की सरकार चला चुके केजरीवाल एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। केजरीवाल को लगता है कि उन्हें इस बार बहुमत का आंकड़ा मिल जाएगा

दूसरा 'के' यानी किरण बेदी। कभी अन्ना आंदोलन में केजरीवाल के साथ दिखने वालीं किरण बेदी, केजरीवाल के‍ लिए बड़ी चुनौती बन चुकी हैं। केजरीवाल इस चुनाव में मोदी को सामने लाना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने उनके सामने किरण बेदी को खड़ा कर दिया। बेदी भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनने के बाद 'एक्शन बेदी' बन गईं और अपना एजेंडा और योजनाएं जनता के सामने रख दी हैं।

तीसरा 'के' यानी कांग्रेस में चुनाव से पहले ही बिखराव नजर आ रहा है। चुनाव से पहले ही कांग्रेस में गुटबाजी सामने आ रही है। अब अजय माकन के सामने मुसीबत यह है कि वे बिखर चुकी कांग्रेस  को संभालें या फिर चुनावों में आप और भाजपा का सामना करें। आइए जानते हैं कि 'दिल्ली के दंगल' में कौन-कौन से रोचक मुकाबले हैं, जिन पर सबकी नजर रहेगी।
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1. नई दिल्ली : नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल एक बार फिर किस्मत आजमा रहे हैं। पिछली बार उन्होंने यहां से तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को करीब 25 हजार वोटों से हराया था। तब किसी को अंदाजा भी नहीं था कि शीला ‍दीक्षित जैसी कद्दावर नेता को 'आम आदमी' पछाड़ देगा। केजरीवाल से हारने के बाद शीला दीक्षित 'राजनीतिक संन्यास' की स्थिति में पहुंच गई हैं। हालांकि उन्हें बाद में राज्यपाल भी बनाया गया, मगर यूपीए की सत्ता जाने के बाद राजभवन से भी उनकी विदाई हो गई।

अगर 2015 के चुनावों की बातें करें तो नई दिल्ली में इस बार केजरीवाल का मुकाबला करने के लिए भाजपा ने युवा चेहरे नूपुर शर्मा को मैदान में उतारा है। केजरीवाल को यहां कांग्रेस की किरण चुनौती दे रही हैं। कांग्रेस ने यहां से कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री किरण वालिया को मैदान में उतारा है। केजरीवाल के लिए भाजपा की नूपुर शर्मा भी आसान प्रतिद्वंद्वी नहीं होंगी क्योंकि वे महिला होने के साथ युवा भी हैं और वे दिल्ली छात्र संघ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। पार्टी के सपोर्ट के साथ ही उन्हें युवाओं का समर्थन भी मिल सकता है। अब इस पर सबकी नजर रहेगी कि केजरीवाल पिछले चुनाव की तरह इस बार भी करिश्मा दिखा पाते हैं या नहीं।
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2. कृष्णा नगर :  यह सीट भाजपा की परंपरागत सीट रही है। इस बार यह इसलिए चर्चाओं में हैं क्योंकि यहां से भाजपा की मुख्यमंत्री उम्मीदवार किरण बेदी चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा नहीं चाहती है कि उनके मुख्यमंत्री उम्मीदवार बेदी को चुनाव जीतने में ज्यादा मशक्कत करना पड़े और उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में चुनाव में पेश किया जा सके।  शायद इसलिए कृष्णानगर सीट से बेदी को उम्मीदवार बनाया गया है। 1993 में यह सीट बनी और तब से वर्तमान केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन यहां से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। वे यहां से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं।


आम आदमी पार्टी ने किरण बेदी के खिलाफ कृष्णानगर से एसके बग्गा को खड़ा किया है। पेशे से वकील बग्गा 40 साल से कांग्रेस में रहे, लेकिन पिछले साल आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। बग्गा पहली बार चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस की ओर से बंसीलाल चुनौती दे रहे हैं। बंसीलाल कृष्णा नगर से निर्दलीय पार्षद हैं।
यहां होगा 'आप' बनाम आप का मुकाबला... पढ़ें अगले पेज पर....

3. पटपड़गंज :  राजनीति में मौका देखकर कब कौन पाला बदल ले, कहा नहीं जा सकता है। पटपड़गंज सीट पर भी यही हो रहा है। सबसे रोचक मुकाबला इसी सीट पर देखने मिलेगा। कभी एक पार्टी में साथ रहे अब इस चुनाव में आमने-सामने हैं। पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पटपड़गंज में आप के शीर्ष नेताओं में शामिल मनीष सिसौदिया को यहां कभी आप के विधायक रहे विनोद कुमार बिन्नी भाजपा से चुनौती दे रहे हैं।

केजरीवाल पर आरोपों की बौछार करते हुए बिन्नी चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हो गए थे। यहां कांग्रेस से अनिल कुमार चुनौती दे रहे हैं। 2013 के चुनावों में मनीष सिसौदिया विजयी हुए थे। बीजेपी ने यहां पिछले चुनाव में नकुल भारद्वाज को खड़ा किया था। अब देखना यह देखना रोचक रहेगा कि बिन्नी और सिसौदिया के मुकाबले में बाजी किसके हाथ लगती है।
इस सीट पर तो कांग्रेस की इज्जत दांव पर है... पढ़ें अगले पेज पर...

4. सदर बाजार : 2013 के चुनावों में नई-नवेली आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था। कांग्रेस को सिर्फ 8 सीटें ही मिली थीं। इस बार चुनाव की कमान कांग्रेस अजय माकन को सौंपी है। गांधी परिवार के करीबी अजय माकन सदर बाजार से चुनाव मैदान में हैं।

कांग्रेस ने चुनाव से पहले हालांकि किसी को मुख्‍यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं किया है, लेकिन अगर कांग्रेस को बहुमत मिल जाए तो माकन इस पद की दौड़ में पहले नंबर पर हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री माकन को यहां भाजपा के प्रवीण जैन और आम आदमी पार्टी के सोमदत्त शर्मा से मुकाबला करना है। शर्मा पिछले चुनाव में यहां से जीत हासिल कर चुके हैं। इस सीट से कांग्रेस को काफी उम्मीदें हैं।
क्या कृष्णा और राखी की नैया पार लग पाएगी... पढ़ें अगले पेज पर...


5. पटेल नगर : पटेल नगर की पहचान पंजाबी लजीज खाने के अलावा औद्योगिक क्षेत्र के रूप में भी होती है। इस सीट पर भी चुनाव विश्लेषकों की नजर रहेगी। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं कृष्णा तीरथ यहां से लड़ रही हैं। कभी कांग्रेस में रहकर केंद्रीय मंत्री का पद संभाल चुकी कृष्णा ने चुनाव से पहले पाला बदल लिया। भाजपा ने कृष्णा को यह सीट इनाम के तौर पर दी है। पिछली बार इस सीट से आम आदमी पार्टी की वीना आनंद विजयी रही थीं। राजेश लिलोदिया पिछली बार इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार थे और अब आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। अब देखना यह कि कृष्णा इन दोनों को कितनी टक्कर दे पाती हैं।

6. मंगोलपुरी : आप आदमी पार्टी सरकार में सबस कम उम्र की मंत्री रहीं राखी बिड़लान इस सीट से खड़ी हुई हैं। राखी पिछले चुनाव में इस सीट से करीब 10 हजार से अधिक वोटों से जीत चुकी हैं। राखी ने लोकसभा में भाग्य आजमाया, लेकिन भाजपा के उदित राज से वे हार गईं। इस बार राखी का मुकाबला भाजपा के सुरजीत से हैं। पिछले साल अन्ना आंदोलन के बाद चली आम आदमी पार्टी की लहर में राखी की नैया तो पार लगा दी थी, ‍लेकिन इस बार राखी को कड़ा मुकाबला करना होगा।
अगले पेज पर पढ़ें... मालवीय नगर और जनकपुरी सीट का हाल....

7. मालवीय नगर : सोमनाथ भारती पिछले चुनाव में इस सीट से कांग्रेस की कद्दावर नेता किरण वालिया को हरा चुके हैं। आम आदमी पार्टी में कानून मंत्री रहे सोमनाथ भारती को इस बार कांग्रेस उम्मीदवार योगानंद शास्त्री सीधी टक्कर दे रहे हैं। इस मुकाबले में भाजपा की ओर से नंदिनी शर्मा मैदान में हैं। केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे सोमनाथ उस समय काफी विवादों में भी रहे थे।

8. जनकपुरी : किरण बेदी के भाजपा में शामिल होने से पहले भाजपा के कद्दावर नेता जगदीश मुखी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार माना जा रहा था। हालांकि आम आदमी पार्टी ने जगदीश मुखी को भाजपा की ओर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया था। मुखी ने आम आदमी पार्टी के राजेश ऋषि को 2013 चुनावों में हराया था। इस बार फिर वही मैदान में हैं। कांग्रेस ने यहां सुरेश कुमार को खड़ा किया है।
जंगपुरा की जंग में क्या होगा एमएस धीर का... पढ़ें अगले पेज पर...


9. जंगपुरा : इस सीट पर भी सबकी निगाहें रहेंगी। आम आदमी पार्टी की 49 दिन की सरकार में स्पीकर रहे एमएस धीर ने चुनाव से पहले अपना पाला बदल लिया और भाजपा में शामिल हो गए। धीर पहले इस सीट से आप की तरफ से खड़े हुए थे, अब वे भाजपा की तरफ से भाग्य आजमाएंगे। आम आदमी पार्टी ने तरविंदर एस मारवाह को खड़ा किया है। कांग्रेस की ओर से प्रवीण कुमार देशमुख खड़े हुए हैं।

10. रोहिणी : रोहिणी सीट पर भी भाजपा ने इस बार विजेन्द्र गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है। दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता 2013 के चुनावों में नई दिल्ली सीट से खड़े हुए थे और तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार विजेन्द्र गुप्ता के लिए भी आसान नहीं होगा। गुप्ता के मुकाबले सीएल गुप्ता और कांग्रेस के सुखबीर सिंह चुनौती दे रहे हैं।
इन मुकाबलों पर भी रहेगी सबकी नजर... पढ़ें अगले पेज पर....


इन मुकाबलों पर भी रहेगी नजर : इन दस मुकाबलों के अलावा इन सीटों पर द्वारका सीट पर भी नजर रहेगी। यहां पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री मैदान में हैं। वे एक करोड़ रुपए की नौकरी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के महाबल मिश्रा से है।

एक बार पार्षद, तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके महाबल मिश्रा, अनिल शास्त्री के सहयोगी रहे हैं। भाजपा की ओर से मुकाबले में प्रद्युम्न राजपूत से हैं। इसके अलावा ग्रेटर कैलाश सीट पर भी मुकाबला रोचक रहेगा। यहां पर कांग्रेस की ओर से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी खड़ी हुई हैं।

भाजपा की ओर से राकेश गुलिया और आम आदमी पार्टी ने सौरभ भारद्वाज मुकाबले में हैं। नांगलोई में भी दो शौकीन मुकाबले में हैं। भाजपा से मनोज शौकीन और आप से रघुवेंद्र शौकीन मैदान में हैं। इसके अलावा चांदनी चौक सीट पर भी सभी की निगाहें रहेंगी। यहां से कांग्रेस नेता रह चुकी अलंका लांबा आम आदमी पार्टी की सीट से खड़ी हुई हैं। उनका मुकाबला सुमन कुमार गुप्ता और प्रहलाद एस सावने से है।
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