नई दिल्ली। उत्तरपूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद कम से कम 39 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हर दंगा पीड़ित की अपनी एक दर्दभरी दास्तान है। इन खौफनाक दास्तानों को सुनकर आप भी सिहर जाएंगे।
दंगों की भेंट चढ़ गई मां, घर में जन्मी बेटी : अकबरी के सात बच्चों में से एक सलमानी ने बताया कि मंगलवार को वह दूध लाने बाहर गया था। उसने बताया कि लौटते वक्त मेरे बेटे ने मुझे फोन किया कि पेट्रोल बम और हाथ में लाठी लिए हुए भीड़ ने उनके घर को घेर लिया है। मेरी मां, पत्नी और तीन बच्चे दूसरी मंजिल पर थे। मैंने उन्हें फोन कर छत पर भागने को कहा। भीड़ ने भूतल को आग लगा दी और दूसरी एवं तीसरी मंजिल पर पेट्रोल बम फेंके। भूतल गोदाम के तौर पर इस्तेमाल होता था।
सलमानी ने कहा, 'मेरे 10 मजदूर घटना के वक्त भूतल पर मौजूद थे। वे भी छत की तरफ भागे। बाद में मेरे बेटे ने देखा कि मेरी मां गायब है और उसने नीचे की तरफ जाने की कोशिश की। लेकिन तब तक पूरा घर धुएं से भर गया था। जब तक वे छत से नीचे आए, मेरी मां की मौत हो चुकी थी।'
परिवार जीटीबी अस्पताल से अकबरी का शव मिलने की प्रतीक्षा कर रहा है। उसी वक्त सलमानी का बड़ा बेटा एक निजी अस्पताल में था जहां उसकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया है। शोकसंतप्त परिवार कोई जश्न नहीं मना रहा लेकिन खुद को सांत्वना दे रहे हैं कि अकबरी बच्ची के रूप में लौट आई हैं।
घर में घुसी भीड़, गली के ही लड़कों ने की बदसलूकी : उत्तर पूर्वी दिल्ली के अल हिंद अस्पताल में 45 वर्षीय महिला दंगा भड़कने के दौरान उनके साथ हुए खौफनाक वाकये को याद कर सिहर जाती हैं। भीड़ के उनके घर में घुस आने और उनके तथा उनकी दो बेटियों के साथ बदसलूकी की घटना को याद करते हुए वह बताती हैं, 'हमने खुद को बचाने के लिए अपने-अपने शरीर पर दुपट्टा लपेटा और पहली मंजिल से कूद गए।'
बुधवार की रात का यह डरावना ख्वाब तभी खत्म हुआ जब महिलाएं जान बचाते हुए मुस्लिम बहुल गली में पहुंची। करावल नगर में एनजीओ चलाने वाली महिला की आंखों में यह बताते-बताते आंसू आ गए। उन्होंने बताया कि मैं घर पर ही थी जब भीड़ मेरे घर में घुस आई। मेरे साथ और मेरी दो बेटियों के साथ बदसलूकी की गई और भीड़ ने हमारे कपड़े फाड़ दिए। इसके बाद भी भीड़ ने उनका पीछा किया लेकिन उनके एक जानकार दुकानदार अय्यूब अहमद के घर पहुंचने के बाद भीड़ गायब हो गई।
महिला ने बताया कि जब हम अहमद के घर पहुंचे, उन्होंने हमें खाना और अन्य जरूरी चीजें दीं और बाद में हमें अल हिंद अस्पताल लेकर आए। मैं उन शरारती तत्वों की पहचान कर सकती हूं क्योंकि वे हमारी गली के ही थे। घटना के बाद से महिलाएं सदमे में हैं।
पीठ पर डाला तेजाब जैसा रसायन : करावल नगर के रहने वाले 20 साल के सलमान खान मंगलवार की रात अपने घर के पास थे जब भीड़ ने उसकी पीठ पर तेजाब जैसा रसायन डाल दिया जिससे उसकी त्वचा जल गई। उसने बताया कि पुलिस रात के करीब 11 बजे उसे अस्पताल लेकर आई।
दोस्त की टोपी देख रोका, तोड़ दी अंगुलियां : निजी कंपनी में काम करने वाले अकील सैफी (30) ने बताया कि कुछ लोगों ने गोकुलपुरी में उसके साथ मारपीट की। उसने बताया कि मैं मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे दफ्तर से घर लौट रहा था जब कुछ अज्ञात लोगों ने मेरी मोटरसाइकिल रोकी और मुझे पीटना शुरू कर दिया क्योंकि उन्होंने पीछे बैठे मेरे दोस्त के सिर पर टोपी देख ली थी। उसका नाम बिलाल है और वह दिव्यांग है। सैफी ने बताया कि मेरे बाएं हाथ की अंगुलियां टूट गई हैं और बिलाल को हल्की-फुल्की चोटें आईं।