* गोपनीय ध्यान क्रिया- एक लंबी सांस लें। किसी को भी बताने की जरूरत नहीं है। आप सिर्फ सांस ले रहे हैं। अपनी सांसों को गिनें- एक- उसे जाने दें, दुबारा सांस लें- दो- उसे जाने दें- सांस लेते रहिए, गिनते रहिए। यही आपकी गोपनीय ध्यान क्रिया है।
* आसमान को निहारे- ऊपर अनंत आसमान को देखें, सोचें किस तरह से अनगिनत तारों से रोशनी लाखों-अरबों सालों चलकर आपकी आंखों तक पहुंच रही है।
* दूसरों के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना कीजि ए- अस्पताल जाइए, बाहर खड़े होइए और खिड़की की तरफ देखिए। अंदर जो कोई भी हो- एक बच्चा, माता-पिता, वृद्ध आदमी या औरत प्रार्थना कीजिए कि वह जल्दी स्वस्थ हो जाए। उन्हें आपकी प्रार्थना की आपसे ज्यादा जरूरत है, क्योंकि आप अस्पताल के बाहर की तरफ हैं।
* अपने मन में झांके- अपने मन के अंदर झांकें और उस खुशी के पल को याद करें, जिसे आपने बरसों से याद न किया हो। उस पल को याद कर अपने आपको आश्चर्यचकित करें। इस खुशी के पल को अपनी यादों में जिंदा रखें। उस पल के रंग, खुशबू को याद करें- अपनी प्रत्येक इंद्रियों का इस्तेमाल करें- आप समय के अंदर होकर आएं।
* एक नदी के बारे में सोचें- सोचें कि आपके विचार नदी की तरह हैं जो आपके सिर के ऊपर से गुजरते हैं, थोड़ी देर ऊपर घूमते हैं और बहे चले जाते हैं। उन्हें जाने दें।