परीक्षा से पूर्व का अध्ययन :
1.
पर्याप्त विश्राम जरूरी : ठीक से सोएं । बिना शारीरिक और मानसिक विश्राम के, स्मृति और एकाग्रता सही नहीं हो सकती। एक थका हुआ मन सूचना का संग्रह नहीं कर सकता और ना ही केंद्रित हो सकता है।
2.
सूर्योदय के समय उठे : सूर्योदय के समय उठे, और कुछ राउंड्स सूर्य नमस्कार करें और इसके बाद कुछ श्वसन तकनीक जैसे नाड़ी शोधन प्राणायाम और उज्जयी श्वास का अभ्यास करें। इससे आपके तनाव आपके शरीर से बाहर निकल जाएगा और शरीर और मन की ऊर्जा का स्तर बढ़ेगा।
3.
अध्ययन का समय बनाएं : ध्यान को अध्ययन का माध्यम का बनाया जाए। अध्ययन करने से पूर्व कुछ मिनट का ध्यान करें। यह आपको विश्राम देता है, स्मृति को तीव्र करता है, और स्मृति को लंबे समय तक बनाए रखता है।
4.
कभी स्थगित न करें : एक बार जैसे ही आरंभ करने का मन हो, बैठ जाएं और अध्ययन आरंभ कर दें। ना तो बहाना बनाएं और न ही स्थगित करें।
5.
अपने समय की योजना बनाएं : पुनरावृति (रिवीजन) का टाइमटेबल बनाए और साथ में कुछ विश्राम का भी समय रखें। संगीत सुने, मित्रों और परिवार से बात करें, अपनी रुचि के संगीत पर 30 मिनट्स तक नृत्य करें या 10 से 15 मिनट तक की वॉक करें। फिर से अध्ययन पर बैठ जाएं। यह आपने जो पढ़ा उसको गुनने में सहायता करता है और एकाग्रता को बढ़ाता है।
6.
सही भोजन करें : ताजा, हल्का, घर का बना, शाकाहारी भोजन आपकी ऊर्जा को बढ़ाता है और एकाग्रता की योग्यता को ठीक करता है। बासी, डिब्बा बंद, नमकीन, तैलीय या मीठा भोजन आपको शिथिल करता है।
7.
भटके नहीं दृढ़ रहें : कुछ मित्र आपका उत्साह बढ़ाएंगे और कुछ आपको किताबी कीड़ा कहेंगे। अपने उद्देश्य को ध्यान में रखें और दूसरों को आपका बटन न दबाने दें। यह आपका जीवन और आपका परिणाम है।
तो मन लगाकर अध्ययन करें और शांत रहें।
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परीक्षा के दौरान :
1. एक्जाम हॉल में प्रवेश करने से पहले शांत रहें। अपने दिमाग पर ज्यादा जोर डाल कर तनाव में ना आएं। उस समय अध्ययन ना करें।
2. यदि आपको परीक्षा के समय तनाव अनुभव हो रहा हो तो गहरी श्वास लें। अपनी श्वास को बाहर और भीतर आते-जाते ध्यान दें और अपना संतुलन वापस प्राप्त करें।
3. प्रार्थना की शक्ति को कम ना आंकें। प्रार्थना से आपका मन एकाग्रता को प्राप्त होता है और चिंता समाप्त होती है।
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर कहते हैं, 'बच्चों को सही भोजन व उचित व्यायाम के माध्यम से ही ऊर्जावान बनाएं। उनके सिर से वजन कम करें। अभिभावक और बड़े अपने बच्चों पर दबाव ना बनाएं। जब बच्चे योग करते हैं, ध्यान करते हैं, रचनात्मक खेल खेलते हैं ना कि प्रतिस्पर्धात्म खेल खेलते हैं तो उनकी ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।'
सौजन्य से :- आर्ट ऑफ लिविंग