धनतेरस पर क्यों खरीदे जाते हैं बर्तन

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
* चांदी की खरीदारी करने से धन में 13 गुना वृद्धि होती है... 

 


धनतेरस दीपावली से दो दिन पहले अदित तिथि में मनाई जाती है।

जिस प्रकार लक्ष्मीजी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थी, उसी प्रकार भगवान धनवंतरी धन त्रयोदशी के दिन अमृत कलश के साथ समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए हैं। दीपावली के दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीप प्रज्ज्वलित करने का प्रचलन भी है।

FILE


कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को धन त्रयोदशी या धनतेरस के रूप में जाना जाता है।

भगवान धनवंतरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धनवंतरी चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परंपरा है।


FILE


कहीं-कहीं लोकमतानुसार कहा जाता है कि इस दिन बर्तन, चांदी की वस्तु आदि की खरीदारी करने से उसमें तेरह गुना वृद्धि होती है। इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं।

दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने खेतों में बोते हैं। कुछ लोग क्यारियों में भी बोते है। धनिया स्वास्थ्य के लिए उत्तम तो होता ही है, इसे स्वाद को बढ़ाने वाला भी माना गया है।

धनतेरस के दिन चांदी के बर्तन या जेवर खरीदने का भी प्रचलन है। माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है, जो शीतलता प्रदान करता है और इसी दिन चन्द्र का हस्त नक्षत्र भी है।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लाल किताब के अनुसार मंगल दोष से बचने के 10 अचूक उपाय, फिर निश्चिंत होकर करें विवाह

क्या आप जानते हैं चातुर्मास के समय क्यों योग निद्रा में चले जाते हैं भगवान विष्णु, नहीं होते मांगलिक कार्य

क्या फिर कहर बरपाएगा कोरोना, क्या है जापानी बाबा वेंगा की भविष्यवाणी

शीघ्र विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं आजमाएं ये 5 प्रभावी उपाय

मांगलिक दोष शुभ या अशुभ, जानें इसके फायदे और ज्योतिषीय उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

16 जून 2025 : आपका जन्मदिन

16 जून 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

मुहम्मद बिन क़ासिम से इस तरह लड़े थे वीर सिंधु सम्राट दाहिर सेन, लेकिन हुआ धोखा

Saptahik Muhurat: नए सप्ताह के मंगलमयी मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 16 से 22 जून

Aaj Ka Rashifal: आज किसी खास व्यक्ति से होगी मुलाकात, चमकेंगे सितारे, पढ़ें 15 जून का राशिफल