Dev Diwali कैसे मनाएं? जानिए इस दिन का क्यों है इतना महत्व?

Webdunia
सोमवार, 7 नवंबर 2022 (05:14 IST)
Dev Diwali 2022: इस बार कार्तिक पूर्णिमा का पर्व उदया तिथि के अनुसार 8 नवंबर 2022 को मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि 7 नवंबर को प्रारंभ हो रही है जो 8 नवंबर को शाम को समाप्त होगी। इसीलिए 7 नवंबर को दीपदान कर देव दिवाली मनाएंगे और 8 नवंबर 2022 को कार्तिक स्नान किया जाएगा। आओ जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर देव दिवाली के दिन क्या किया जाता है।
 
देव दिवाली का महत्व : त्रिपुरासुर के संहार की खुशी और मत्स्य अवतार के प्राकट्य दिवस के उपलक्ष में देवता लोग गंगा या यमुना के तट पर एकत्रित होकर स्नान कर दिवाली मानते हैं इसीलिए इसे देव दिवाली कहते हैं। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का संहार किया था जिससे वो त्रिपुरारी रूप में पूजित हुए। कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा को ही श्रीकृष्ण को आत्मबोध हुआ था। यह भी कहते हैं कि इसी दिन देवी तुलसीजी का प्राकट्य हुआ था। इस पूर्णिमा को ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्व प्रमाणित किया है।
 
कैसे मनाते हैं देव दिवाली | Kaise manate hai dev diwali:
 
1. दीपदान : इस दिन सभी नदी तीर्थ क्षेत्रों में घाटों और नदियों में दीपदान किया जाता है। इस दिन गंगा स्नान कर दीपदान का महत्व है। इस दिन दीपदान करने से लंबी आयु प्राप्त होती है। इस दिन गंगा के तट पर स्नान कर दीप जलाकर देवताओं से किसी मनोकामना को लेकर प्रार्थना करें।
2. तुलसी पूजा : इस दिन तुलसी के पौधे और शालिग्राम की पूजा की जाती है। कई राज्यों में तुलसी विवाह होता है। 
 
3. स्नान : इस दिन प्रात:काल जल्दी उठकर नदियों में स्नान करने का खास महत्व है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें। स्नान के बाद दीपदान, पूजा, आरती और दान करें।
 
4. सूर्य को अर्घ्‍य दें : स्नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। 
 
5. सत्यनाराण भगवान की कथा : सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण करें।
 
6. पूजन : इस दिन चंद्रोदय पर शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसुईया और क्षमा इन छः कृतिकाओं का पूजन करते हैं।
 
7. व्रत : इस दिन पूर्णिमा का व्रत रखकर किसी गरीब को भोजन कराएं।
8. दान : इस दिन बैल का दान करने से शिव कृपा और भेड़ का दान करने से ग्रहदोष दूर होते हैं। गाय, हाथी, घोड़ा और रथ आदि का दान करने से धन संपत्ति बढ़ती है। हालांकि आजकल इस तरह का कोई दान नहीं करता है। ऐसे में किसी घी, गुड़, अनाज, वस्त्र, कंबल, अन्न आदि दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
 
9. जागरण : इस पूर्णिमा के दिन रात्रि रात्रि जागरण कर श्रीहरि की पूजा और भजन करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
 
10. श्री राधा- कृष्ण पूजन : इस दिन यमुना के तट पर श्री राधा और कृष्णजी का पूजन कर दीपदान करने से सभी तरह की मनोरथ पूर्ण होती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज क्‍या कहते हैं आपके तारे? जानें 22 नवंबर का दैनिक राशिफल

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

अगला लेख