रूप चौदस पर क्यों करते हैं तेल से स्‍नान? कब शुरु हुई प्रथा, जानें पौराणिक कारण और मंत्र

Webdunia
रूप चतुर्दशी के दिन उबटन और तेल से स्नान करने का बेहद महत्व है। इस दिन तेल स्नान करने के पीछे पौराणिक कारण भी है। जानिए इस दिन क्यों करते हैं तेल स्नान और कब से हुई इसकी शुरुआत - 
 
कहा जाता है कि इस दिन भगवान् श्रीकृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। यही कारण है कि इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है।
 
जब भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कि‍या, तो वध करने के बाद उन्होंने तेल से स्नान किया था। तभी से इस दिन तेल से स्नान की यह प्रथा शुरू हुई। ऐसा माना जाता है कि यह स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है और स्वर्ग व सौंदर्य की प्राप्ति होती है। 
 
चूंकि आज के दिन ही श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया, इसलिए इस दिन श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की जाती है और उनके मंत्र का उच्चारण किया जाता है। जानिए श्रीकृष्ण का यह मंत्र - 
 
वसुदेव सुत देवं, नरकासुर मर्दनमः । देवकी परमानन्दं, कृष्णम वंदे जगत गुरुम ।।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

दुनिया में कितने मुस्लिम इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं?

ज्येष्ठ माह के 4 खास उपाय और उनके फायदे

नास्त्रेदमस ने हिंदू धर्म के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

सभी देखें

धर्म संसार

01 जून 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope June 2025: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा 02 से 08 जून का समय, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल

गंगा दशहरा पर्व का क्या है महत्व?

महेश नवमी कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

शुक्र के राशि परिवर्तन से 3 लोग रहेंगे 1 माह तक परेशान

अगला लेख