दीप जलाएँ विश्वास के

स्मृति आदित्य
WD
राष्ट्र-लक्ष्मी की वंदना करते हुए
क्यों न मनाएँ दीप पर्व
कुछ इस रूप में,
संस्कार की रंगोली सजे,
विश्वास के दीप जले,
आस्था की पूजा हो,
सद्‍भाव की सज्जा हो,
स्नेह की धानी हो,
प्रसन्नता के पटाखे,
प्रेम की फुलझड़ियाँ जलें,
आशाओं के अनार चलें,
ज्ञान का वंदनवार हो,
विनय से दहलीज सजे,
सौभाग्य के द्वार खुले,
उल्लास से आँगन खिले,
दान और दया के व्यंजन पकें,
मर्यादाओं की दीवारें चमकें,
प्रेरणा के चौक-माँडनें पूरें,
परंपरा का कलश धरें,
संकल्प का श्रीफल हो,
आशीर्वाद का मंत्रोच्चार,
मूल्यों का स्वस्तिक बने,
आदर्श का ओम,
सत्य का बने श्री
और प्रगति के पग,
शुभ की जगह लिखें कर्म
और लाभ की जगह कर्तव्य,
विजयलक्ष्मी की स्थापना हो,
अभय गणेश की आराधना
और अजेय सरस्वती की अर्चना।
सृजन की सुंदर आरती हो,
क्यों न ऐसी शुभ क्रांति हो।
मनाएँ, स्वर्णिम पर्व इस भाव रूप में,
अनुभाव रूप में।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

करवा चौथ 2024 : आपके शहर में कब निकलेगा चांद, जानिए सही टाइम

दशहरे के दिन यदि यह घटना घटे तो समझो होने वाला है शुभ

विजयादशमी 2024: इन 5 कारणों से मनाया जाता है दशहरा का पर्व

दशहरे पर धन, लक्ष्मी और समृद्धि के लिए आजमाएं ये 5 चमत्कारी वास्तु उपाय

Dussehra 2024: क्यों शुभ मना जाता है रावण दहन की लकड़ी का टोटका

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: क्या कहती है आज आपकी राशि, पढ़ें 13 अक्टूबर 2024 का दैनिक राशिफल

13 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

13 अक्टूबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

नए सप्ताह में किसके चमकेंगे किस्मत के सितारे, जानें साप्ताहिक राशिफल (14 से 20 अक्टूबर)

अक्टूबर 2024 का कैलेंडर, जानें नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त