अँधेरे पथ पर डगमगाते राही को उजाले की किरण दे सके ं व्यथित मन के बिखरे स्वप्न को समेट लेने की ताकत दे सके ं
लक्ष्मण की रेखा से कोई रावण न अब सीता को छीन सक े मन के रावण का दहन कर जीवन की अयोध्या को प्रज्वलित कर सके ं हर युग मे ं मर्यादित राम लालसा के रावण को जीत सक े हर युग की सीता बेहिचक अग्नि-परीक्षा से गुजर सक े
कौशल्या की कोख से जन्मा हर राम कैकेयी का दिल भी जीत सके हर युग में लक्ष्मण राम का वनवास जी सक े ऐसा एक दीप हर घर में जलाएँगे इस कलयुग मे ं हम एक बार फिर रामायण बनाएँगे।
Praveen Barnale
ND
एक दीय ा
एक दीया ज्ञान का एक दीया विश्वास क ा एक दीया प्रेम का और एक अंतर की प्यास क ा एक मित्र के साथ क ा एक शत्रु के नाश का एक दीया हो आँगन में हृदय में बची अंतिम आस क ा
एक प्रकाश की जीत का एक अंधकार की हार क ा एक दीया नफरत भरे दिलों में बचे हुए प्यार क ा
एक टूटे रिश्तों को जोड़ने के लि ए एक तूफान को मोड़ने के लि ए एक प्रगति की राह में अड़चन को पीछे छोड़ने के लि ए
एक दीया भटके को राह दिखाएगा तो एक राह में भटकने से बचाएगा सारे दिए बुझ भी जाएँ उम्मीद का दीया कभी न बुझ पाएग ा
एक-एक करके कई दीप जलाएँगे हर आँगन को खुशियों से महकाएँगे आओ एक और दीया हाथ में उठाएँ और शांति का प्रतीक बन जाएँ।