अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस : 12 मई

रोगी और नर्स के अनुपात में अंतर

Webdunia
ND
दुनिया में अधिकांश देशों में आज भी प्रशिक्षित नर्सो की भारी कमी चल रही है लेकिन विकासशील देशों में यह कमी और भी अधिक देखने को मिलती है। भारत में विदेशों के लिए नर्सो के पलायन में पहले की अपेक्षा कमी आई है लेकिन रोगी और नर्स के अनुपात में अभी भी भारी अंतर है।

ट्रेंड नर्सेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया की महासचिव शीला सेडा ने बताया कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण भारत में प्रशिक्षित नर्सो की संख्या में कुछ सुधार हुआ है। अच्छे वेतन और सुविधाओं के लिए पहले जितनी अधिक संख्या में प्रशिक्षित नर्से विदेश जाती थी, आज उनकी संख्या में कमी आई है। रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण रोगी और नर्स के अनुपात में अंतर बढ़ा है, जिस पर सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।

आज सरकारी अस्पतालों में नर्सो को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन और अन्य सुविधाएँ मिल रही है। उनकी हालत में भारी सुधार आया है जिससे नर्सो का पलायन काफी रूका है लेकिन कुछ राज्यों और गैर सरकारी क्षेत्रों में आज भी नर्सो की हालत अच्छी नहीं है। उन्हें लंबे समय तक कार्य करना पडता है और उनको वे सुविधाएँ नहीं दी जाती है जिनकी वे हकदार हैं।

नोबल नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली फ्लोरेंस नाईट ए ंगल के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में 12 मई अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट में भी कहा गया है कि अच्छे वेतनमान और सुविधाओं के लालच में आज भी विकासशील देशों से बड़ ी संख्या में नर्से विकसित देशों में नौकरी के लिए जाती है जिससे विकासशील देशों को प्रशिक्षित नर्सो की भारी समस्या का सामना करना पड ़ रहा है।

ND
इंडियन नर्सिंग काउंसिल के निदेशक और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में प्रमुख नर्सिंग अधिकारी दिलीप कुमार का कहना है कि भारी प्रयासों के बाद भी देश में वर्तमान समय में प्रशिक्षित नर्सो की भारी कमी चल रही है और वर्ष 2012 तक करीब 24 लाख नर्सो की आवश्यकता होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में नर्सो की कमी को ध्यान में रखते हुए विवाहित महिलाओं को भी नर्सिंग पाठयक्रम में प्रवेश लेने की अनुमति दी गई है।

नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी की आयु 70 साल तक बढ़ाने, वर्ष 2012 तक देश में नर्सिंग शिक्षकों को उनकी योग्यता और अनुभव में कुछ छूट देने का फैसला किया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में अमीर और गरीब दोनों प्रकार के देशों में नर्सो की कमी चल रही है। विकसित देश अपने यहाँ की नर्सो की कमी को अन्य देशों से बुलाकर पूरा कर लेते है और उनको वहाँ पर अच्छा वेतन और सुविधाएँ देते है जिनके कारण वे विकसित देशों में जाने में देरी नहीं करती है। दूसरी ओर विकासशील देशों में नर्सो को अधिक वेतन और सुविधाओं की कमी रहती है और आगे का भविष्य भी अधिक उज्जवल नहीं दिखाई देता जिसके कारण वे विकसित देशों के बुलावे पर नौकरी के लिए चली जाती है।

ND
अधिकारी ने बताया कि दोनों डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रमों के लिए शिक्षकों की भागीदारी बढाने के संबंध में कुछ और कदम भी उठाए गए हैं। जिन राज्यों में नर्सो और नर्सिंग कालेज में शिक्षकों की भारी कमी चल रही है वहाँ पर 269 नर्सिंग स्कूल खोलने और राज्य स्तर पर प्रति संस्थान 20 करोड़ रुपए देने का फैसला किया गया है। इसके अलावा 14 राज्य नर्सिंग परिषदों को मजबूत करने के लिए प्रत्येक को एक करोड़ रुपए देने का फैसला किया गया है। ग्रेजुएट नर्सो की संख्या भी बढ़ाने का फैसला किया गया है। देश में इस समय 1100 जनसंख्या पर एक नर्स है।

दिल्ली स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन कार्यालय की निधि चौधरी का कहना है कि देश में महानगरों और बड़े शहरों में चिकित्सा व्यवस्था कुछ ठीक होने के कारण वहाँ पर नर्सो की संख्या में इतनी कमी नहीं है जितनी छोटे शहरों और गाँवों में है। किसी भी देश में नर्सो की कमी उस देश के खराब चिकित्सा व्यवस्था को बताती है। नर्सो की कमी का सीधा प्रभाव नवजात शिशु और बाल मृत्यु दर पर पड़ता है।

Show comments

क्या लैपटॉप गोद में रखने से महिलाओं को होती है फर्टिलिटी की समस्या? जानें कारण

गर्मियों में खुजली और रैशेज से बचाएगा नारियल से बना प्राकृतिक साबुन

टैनिंग हटाने में असरदार हैं चुकंदर से बने ये 5 फेस मास्क

वीगन डाइट लेने से शरीर में हो सकती है पोषक तत्वों की कमी

कैसे जानें कि आप हेल्दी हैं या नहीं? आयुर्वेद बताता है स्वस्थ रहने के ये 5 लक्षण

क्यों बुखार आने पर बच्चों के पैरों में होता है दर्द? जानिए इसका कारण और समाधान

क्या आपके चेहरे पर भी अचानक उग आए हैं अनचाहे बाल, जानें कारण और बचाव के तरीके

चुनावी रण में अब कौन कहां

बेबी बॉय के लिए ट्रेंड के हिसाब से खोज रहे हैं नाम, तो समझिए पूरी हो गई है आपकी तलाश

इन यूनीक नामों में से चुनिए आपके बेटे के नामकरण के लिए अपनी पसंद का नाम