अक्सर त्योहारों पर हम नकली सामान या मिलावटी सामान को पकड़े जाने की खबर पढ़ते आए हैं। खासकर बड़े त्योहार जैसे दिवाली पर मिलावटी और नकली सामान की बहुत आवक होती है। इसका मुख्य कारण है अधिक मांग बढ़ना और उसके अनुपात में उत्पादन का कम होगा। हालांकि लोग इस मौके के फायदा उठाकर जल्दी से अमीर बनने के चक्कर में भी यह कार्य करते हैं। ऐसे में सतर्क रहें और जानें कि क्या है असली और नकली सामान की पहचान।
मिलावटी या दूषित खाद्य पदार्थ से बचकर रहें | Milawati ya dushit khadya padarth se bache:
दिवाली पर अक्सर मिलावटी और दूषित खाद्य पदार्थ की बाजार में मात्रा बढ़ जाती है जो सेहत बिगड़ सकती है। इसलिए सबसे पहले तो आप रहें सतर्क:-
- त्योहारों पर बाहर खाना खाने से बचें। खाना ही होता तो किसी भरोसेमंद या साफ सुथरी जगह पर ही खाएं। हो सके तो घर पर बना हुआ खाना ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाएं।
- मिठाइयां और नमकीन लाने से पहले उसकी जांच कर लें या किसी प्रतिष्ठित दुकान से ही खरीदें। बाजार में अक्सर घी, मावा और पनीर में ज्यादा मिलावट होती है। मावा, पनीर और घी खरीदते समय उसकी गुणवत्ता देखें या घर पर बनाकर ही उपयोग करें।
- किसी अच्छी या रखरखाव का उचित ध्यान रखने वाली दुकान से ही सामान खरीदें। डिब्बाबंद या पैक्ड सामान की एक्सपायरी डेट जरूर देंखे।
मसाले असली हैं या नकली? ऐसे करें पहचान | Masala asli hai ya nakali
मसाले खरीदते वक्त भी उसकी उचित तरीके से जांच कर लें। कैसे जानें की मसालों में मिलावट है? मसाले में मिलावट की पहचान कैसे करें, असली नकली मसालों की पहचान कैसे करें। क्या होगा नकली मिर्च और मसाले खाने से? जानिए-
- मिर्च पाउडर में लाल रंग, भूसा, ईंट का चूरा, बालू और रोडामाइन की मिलावट करते हैं।
- नकली मिर्च यकृत, गुर्दे और लिवर के लिए हानिकारक है। इससे पथरी हो जाती हैं।
- एक गिलास पानी में एक चम्मच मिर्च मिलाएं। इसमें मिलावट है तो पानी का रंग लाल हो जाएगा। ईंट या बालू मिली है तो वह सतह पर जम जाएगी।
- अन्य मसालों में बुरादा, रंग, कंकर, पत्थर, मिट्टी और रेत पिसकर मिलाई जाती है।
- मिलावटी मसाले खाने से आहार तंत्र, आहार नलिका, पाचन तंत्र, आंत और दांतों के गंभीर रोग हो जाते हैं।
- मिलावटी मसालों को पानी में घोलते ही उसके रंग और अवांछित तत्व अलग हो जाते हैं।
- असली मसालों की सुंध तेज होती है और उसकी उपरोक्त तरीके से जांच की जा सकती है।