ऐसे कहें हैलो...

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अभिवादन किसी इंसान से मुखातिब होने का एक शुरुआती जरिया है। जब भी आप किसी व्यक्ति से पहली बार मिलने वाले होते हैं तो आपके दिमाग में तमाम सवाल कौंधते हैं।

मसलन लोगों को संबोधित कैसे किया जाए, बतौर पुरुष किसी महिला को कैसे संबोधित किया जाए, अपने वरिष्ठों को कैसे संबोधित करें या जिन लोगों से पहली बार मिल रहे हैं, उन्हें कैसे संबोधित करें। यहाँ पेश हैं ऐसे पॉइंट जिन्हें आप हमेशा ध्यान रखें।

1. किसी औपचारिक मुलाकात में अगर आप अपने ही किसी समकक्ष से पहली बार मिलें तो उसे संबोधित करते समय उसके उपनाम (सरनेम) से पहले श्री (मिस्टर) का प्रयोग करें। अगर सामने वाला भी आपको उसी अंदाज में जवाब देता है तो संबोधन के इस सिलसिले को जारी रखें।

लेकिन सामने वाला अगर आपके पहले नाम से संबोधित करता है तो आप भी उससे बराबरी का व्यवहार बनाए रखने के लिए उसके पहले नाम से संबोधित करें।

2. अगर आप अपने से उम्र या पद में बड़े अथवा उच्च पदाधिकारी या कोई गणमान्य व्यक्ति से मिल रहे हैं तो उसके नाम के साथ श्री अथवा मिस्टर जोड़ें। या फिर उसे सर अथवा श्रीमान या महोदय कहकर संबोधित करें। सुसंस्कृत पदाधिकारी भी आम लोगों को सर अथवा श्रीमान कहकर संबोधित करते हैं।

3. अगर आप किसी वकील या डॉक्टर जैसे पेशेवर व्यक्ति से मिल रहे हैं तो बेहतर है कि उसके उपनाम से पहले श्री या मिस्टर अथवा डॉक्टर शब्द का इस्तेमाल करें। अगर आप उम्र में बड़े हैं तो अनुभवी पेशेवर लोग भी आपको संबोधित करते समय आपके उपनाम में श्री या मिस्टर का प्रयोग करेंगे।

4. हिंदी में इस्तेमाल होने वाला संबोधन 'श्री' अंग्रेजी के संबोधन मिस्टर के समकक्ष है। नाम के साथ साहब जैसे अन्य सांस्कृतिक संबोधनों का इस्तेमाल सामने वाले को सम्मान देने के कुछ और तरीके हैं। जबकि नाम के साथ जी का प्रयोग सम्मान और अपनेपन दोनों को प्रदर्शित करता है।

5. कभी भी किसी का फोन ओन पर उसका अभिवादन गाते हुए 'हैल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लो' से न करें।

6. कभी सामने वाले को संबोधित करते समय साले, अबे या यार जैसे शब्दों या इन जैसे अन्य भाषाई संबोधनों का प्रयोग न करें।

7.  आप किसी से साथ मिलाना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि आपके हाथ बिल्कुल साफ और पूरी तरह से सूखे हों और अगर ऐसा न हो तो क्षमा मांग कर नमस्ते/प्रणाम जैसे अभिवादनों का इस्तेमाल करें।

8.  जब भी किसी व्यक्ति का अभिवादन करें तो पूरे दिल से करें। बातचीत के दौरान आंखों का संपर्क या आंख मिलाकर बात करना दर्शाता है कि आप सामने वाले को पूरा ध्यान व सम्मान दे रहे हैं। सिर्फ अपने माता-पिता, दादा-दादी, गुरु या इन्ही की तरह अपने अति सम्मानित लोगों के पैर छुएं। बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति के पैर छूना आपको दूसरों की नजरों में छोटा बना सकता है।

9.  इलाके की संस्कृति या दिन के समयानुसार अभिवादन का सही तरीका प्रयुक्त किया जाना चाहिए। जैसे सुबह के समय सुप्रभात या रात में विदा लेते समय शुभरात्रि जैसे अभिवादनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

( किरन बेदी और पवन चौधरी की पुस्तक कायदे के फायदे से साभार)

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